अपने खिलाफ धन शोधन आरोपों को ‘‘राजनीतिक षड्यंत्र’’ करार देते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने शनिवार को कहा कि वह अपने खिलाफ जांच में सहयोग देंगे तथा यदि आरोप सही साबित हुए तो वह राजनीति छोड़ देंगे.
मेरे खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र रचा जा रहा है
लोकसभा सदस्य कोड़ा ने कहा, ‘‘यह आरोप एक राजनीतिक षड्यंत्र है क्योंकि वे मुझे निर्दलीय सांसद के रूप में सफल नहीं होने देना चाहते.’’ कोड़ा ने कहा कि वह जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे जो उनके खिलाफ आरोपों की जांच कर रही है. आयकर अधिकारी कोड़ा से हवाला लेनदेन और गैरकानूनी निवेश के बारे में 31 अक्टूबर से समय-समय पर पूछताछ कर रहे हैं. इससे पूर्व आयकर अधिकारियों ने देश भर के 70 परिसरों पर छापे मारे और मामले में सबूत पाने का दावा किया.
प्रवर्तन निदेशालय ने फिर जारी किया सम्मन
प्रवर्तन निदेशालय ने कोड़ा के नाम 19 नवंबर को रांची में पेश होने के लिए ताजा सम्मन जारी किये हैं जो एक हफ्ते में तीसरी बार जारी किये गये है. इससे पूर्व निदेशालय ने 13 और 15 नवंबर को सम्मन जारी किये थे. कोड़ा शुक्रवार रात ही चाईबासा पहुंचे हैं. उन्होंने निदेशालय को पत्र लिखकर दिल्ली में इसके समक्ष पेश होने में अपनी असमर्थता जतायी थी क्योंकि झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
मामले में अब तक केवल एक गिरफ्तारी
घोटाले के सामने आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने महज एक गिरफ्तारी की है वह है कोड़ा के सहयोगी विनोद सिन्हा का भाई विकास सिन्हा. कोड़ा सितंबर 2006 से अगस्त 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में छह उम्मीदवार उतारे हैं.
उनकी पत्नी गीता जगन्नाथपुर सीट से चुनाव लड़ रही है जहां से वह 2000 और 2005 में जीत चुके हैं जिसके कारण वह बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकार में मंत्री बने थे और बाद में वह एक निर्दलीय विधायक के रूप में स्वयं मुख्यमंत्री बन गये थे. मुंडा सरकार में कोड़ा खान मंत्री थे और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने यह विभाग अपने ही पास रखा. आयकर विभाग का दावा है कि खान पट्टों का आवंटन के लिए कथित सौदा उसी दौरान किया गया था.