सामुद्रिक क्षेत्र में चीन के खतरनाक तरीके से विस्तार को देखते हुए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा है कि उनकी सेना के लिए बजट में वृद्धि की जानी चाहिए. उन्होंने नौसेना के हिस्से के बजट में गिरावट पर चिंता जताई. रक्षा मंत्रालय को जारी किए जाने वाले बजट में नौसेना के हिस्से में गिरावट आई है. 2012-13 में जहां रक्षा मंत्रालय के बजट का 18 फीसदी हिस्सा नौसेना के खाते में आता था तो वहीं 2018-19 में यह मात्रा गिरकर 13 फीसदी हो गया है.
भारतीय नौसेना को 2019-20 में सबसे कम बजट आवंटन मिला. नौसेना को 23,156.43 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि भारतीय वायुसेना को सबसे अधिक 39,302.64 करोड़ रुपये और उसके बाद सेना को 29,461.25 करोड़ रुपये मिले.
खतरे को नाकाम करने में सक्षमः IAF चीफ
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति पर बराबर नजर बनाए हुए है. उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत किसी भी खतरे को नाकाम करने में सक्षम है. चार दिसंबर को नौसेना दिवस समारोह से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए करमबीर सिंह ने कहा कि चीन ने 2008 से हिंद महासागर में उपस्थिति बढ़ाई है. हम उन पर बराबर नजर रखे हुए हैं.
एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि चीन का महासागरीय अनुसंधान पोत विशेष आर्थिक क्षेत्र में मौजूद है. औसतन सात-आठ जहाज इस क्षेत्र के पास मौजूद है.
कड़ाई से निपटेंगेः एडमिरल सिंह
सितंबर में भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (ईईजेड) से एक चीनी पीएलए जहाज को बाहर खदड़ने के मामले पर नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने दावा किया कि इस तरह की गतिविधियों से कड़ाई से निपटा जाएगा.
उन्होंने कहा कि नौसेना की दीर्घकालिक क्षमता योजना में तीन एयरक्रॉफ्ट हैं जबकि दो कैरियर बेटल ग्रुप हिंद महासागर क्षेत्र में चौबीसों घंटे की तैनाती के लिए तैयार है.
नौसेना दिवस की पूर्वसंध्या पर एक संवाददाता सम्मेलन में नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह ने कहा कि पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत (IAC) 2022 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा और इसमें मिग-29 K विमानों का बेड़ा होगा.
योजना के मुताबिक उन्होंने कहा कि दूसरा IAC इलेक्ट्रिक प्रणोदन (प्रपल्शन) के साथ 65,000 टन कैटोबार विमान वाहक होगा और नौसेना जल्द ही सरकार से इस परियोजना के लिए अनुमोदन की मांग करेगी. वर्तमान में, नौसेना में रूस में बने आईएनएस विक्रमादित्य का संचालन कर रही है जो भारत का एकमात्र विमानवाहक पोत है.
'नौसेनिक अभ्यास के लिए चीन आमंत्रित नहीं'
हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति से चिंतित, भारत ने अगले साल प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय नौसेनिक अभ्यास के लिए चीन को आमंत्रित नहीं किया है. भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने बताया कि इसमें भाग लेने के लिए चीन और पाकिस्तान को छोड़कर कुल 41 देशों को आमंत्रण भेजा गया है.
चीन को इस अभ्यास से बाहर रखने के फैसले पर करमबीर सिंह ने कहा कि केवल समान विचार वाले देशों को ही अभ्यास में आमंत्रित किया गया है.
सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बाद में कहा कि चीन को इस अभ्यास में आमंत्रित नहीं किया गया है क्योंकि भारत हिंद महासागर में चीन की उपस्थिति को वैधता प्रदान नहीं करना चाहता है. बाद में चीन यह दावा कर सकता है कि उसने क्षेत्र में अभ्यास में हिस्सा लिया था.
हमसे लेनी होगी इजाजतः एडमिरल
चीन के बारे में, एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना ने दो माह पहले एक चीनी रिसर्च पोत को पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप के समीप पाए जाने पर वापस जाने को कहा था.
करमबीर सिंह ने बुधवार को होने वाले नौसेनिक दिवस समारोह से एक दिन पहले कहा कि हमारा पक्ष स्पष्ट है. अगर आपको हमारे विशेष आर्थिक जोन (ईईजेड) में काम करना है तो, आपको हमसे इजाजत लेनी होगी. उन्होंने कहा कि भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति पर करीब से निगाह रखे हुए हैं.
करमबीर सिंह ने कहा कि चीन ने 2008 के बाद से हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है. हम उन पर नजर रखे हुए हैं.