लापता विमान एएन-32 का अभी तक सुराग नहीं मिला है. करीब 66 घंटे का समय बीत चुका है. बीतते घंटों के साथ ही विमान में सवार क्रू मेंबर्स के परिवारवालों की भी बेचैनी बढ़ती जा रही है. मौसम खराब होने के कारण सर्च ऑपरेशन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गुरुवार सुबह से फिर ऑपरेशन शुरू हो गया है.
भारतीय वायुसेना की ओर से सी-130जे हेलीकॉप्टर लगातार हवा में उड़ान भर रहा है. वायुसेना के ही एसयू-30, दो सी-130जे और दो एमआई-17 एस विमान लगातार सर्च ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. दो एएलएच विमान और सेना का भी एक विमान एयक्राफ्ट की तलाशी में जुटा हुआ है. बारिश के कारण हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं कर पा रहे हैं.
AN-32 search update: Search and rescue operations by helicopters have been called off for today due to low light, will resume tomorrow morning. Two SUs and C-130Js will be carrying out night missions to locate the missing aircraft.
— ANI (@ANI) June 5, 2019
बताया जा रहा है कि लापता हुए विमान एएन-32 में आधुनिक एवियोनिक्स, रडार या आपातकालीन लोकेटर ट्रांसमीटर (ईएलटी) नहीं थे. विमान का आखिरी लोकेशन अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में चीन सीमा के करीब मिला था. माना जा रहा है कि विमान इस लोकेशन के आस-पास ही होगा.
Search by IAF and Indian Army helicopters was adversely affected by weather during the day today. However, supported by #IndianArmy, #IndianNavy, Police and State Administration the search efforts by ground teams and airborne sensors will continue through the night. 2/2
— Indian Air Force (@IAF_MCC) June 5, 2019
सेना के अधिकारियों का कहना है कि अब तक एन-32 विमान का मलबा तक ट्रैक नहीं किया जा सका है. एन-32 विमान सोमवार दोपहर 1 बजे लापता हो गया था. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एयफोर्स के अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी ली है. इसरो के RISAT यानी रडार इमेजिंग सैटेलाइट की भी मदद ली जा रही है.
तीन साल पहले 22 जुलाई 2016 में एक अन्य एन-32 एयक्राफ्ट लापता हो गया था जिसमें 29 लोग सवार थे. यह एयरक्राफ्ट चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर के लिए उड़ान भर रहा था. यह बंगाल की खाड़ी में कहीं गायब हो गया था. 25 मार्च 1986 को हिंद महासागर के ऊपर गायब हुआ था. तब ये विमान सोवियत यूनियन के रास्ते ओमान के रास्ते होते हुए भारत आ रहा था.