असम के जोरहाट से सोमवार दोपहर को अरुणाचल प्रदेश के लिए उड़ान भरने के बाद से भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान लापता है. वायुसेना युद्धस्तर पर विमान की तलाशी के लिए सघन अभियान चला रहा है. लेकिन खराब मौसम अभी भी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. भारतीय वायुसेना ने लापता विमान एएन-32 की तलाशी के लिए सर्च ऑपरेशन में लगी टीम का विस्तार किया है. वायुसेना ने फाइटर एयरक्राफ्ट सी-130 समेत अन्य विमानों में स्पेशलाइज्ड सेंसर भी फीड किया है जिसकी मदद से वायुसेना के लापता विमान की तलाशी जल्द पूरी की जा सके. इस तलाशी अभियान में सेटेलाइट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
साथ ही एएन-32 की तलाशी के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं. इस सर्च ऑपरेशन में सिविल, पुलिस, स्थानीय प्रशासन और सेंसर इनपुट का इस्तेमाल किया जा रहा है. स्थानीय लोगों से भी इस संबंध में इनपुट लिया जा रहा है, लेकिन अब तक विमान की बरामदगी का कोई सबूत नहीं मिला है. वायुसेना विमान की तलाशी अभियान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है.
भारतीय नौसेना का एयरक्राफ्ट पी-8आई शुक्रवार सुबह लापता विमान की तलाशी के लिए दोबारा उड़ान भरेगा. मौसम विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार को मौसम ठीक रह सकता है. वायुसेना समेत अन्य टीमें सभी संभावित दिशाओं में तलाशी अभियान चला रही हैं. सेटेलाइट के जरिए भी विमान की तलाशी लगातार की जा रही है.
सर्च ऑपरेशन में लगातार खराब मौसम की वजह से दिक्कतें आ रही हैं. ऐसे में सभी संभावित इलाकों में पूरी तरह रेस्कयू टीम जांच नहीं कर पा रही है. हालांकि वायुसेना के हौसले इन बाधाओं से कम नहीं हुए हैं. वायुसेना लगातार सर्च ऑपरेशन जारी रख रही है. एयर फोर्स के विमान लगभग 100 घंटों से लगातार सर्च अभियान में लगे हुए हैं.
बताया जा रहा है कि लापता हुए विमान एएन-32 में आधुनिक एवियोनिक्स, रडार या आपातकालीन लोकेटर ट्रांसमीटर (ईएलटी) नहीं थे. विमान का आखिरी लोकेशन अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में चीन सीमा के करीब मिला था. माना जा रहा है कि विमान इस लोकेशन के आस-पास ही होगा. सर्च ऑपरेशन में वायुसेना, नौसेना के साथ-साथ इसरो की सेटेलाइट भी लगी हुई हैं.