पाकिस्तान की नापाक करतूत और चीन के खतरे से निपटने के लिए भारत ने कमर कसनी शुरू कर दी है. पाकिस्तान के साथ लगातार गहराते तनाव और उसकी चीन से बढ़ती नजदीकी को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने सीमावर्ती इलाकों में राफेल जेट तैनात करने का फैसला लिया है.
पाकिस्तान और चीन की ओर से उपजने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए राफेल लड़ाकू विमानों को हरियाणा के अंबाला और
पश्चिम बंगाल के हासीमारा में तैनात किया जाएगा. पाकिस्तान और चीन के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास और रक्षा संबंध मजबूत होने से
भारत की चिंता बढ़ गई है. इसके अलावा इंडो-चाइना बॉर्डर पर चीन की सेना की आक्रामक पेट्रोलिंग देखी गई, जिसके बाद भारतीय
वायुसेना ने इन राफेल जेट को अंबाला और हासीमारा में तैनात करने का फैसला लिया है.
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वायुसेना की योजना इन लड़ाकू विमानों को पूर्वी और पश्चिम फ्रंट में तैनात करने की है, जो पाकिस्तान और चीन को माकूल जवाब देने के लिए हरवक्त तैयार रहेंगे. सितंबर 2016 में भारत ने 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए फ्रांस की सैन्य विमान निर्माता डेसॉल्ट एविएशन के साथ 60 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था. मेल टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भारत इनमें से 18 लड़ाकू विमानों को अंबाला सैन्य ठिकाने और बाकी को हासीमारा में तैनात करेगा. हासीमारा चीन सीमा के सबसे नजदीक सैन्य ठिकाना है.
पहले यूपी में तैनात करने की थी योजना
ये लड़ाकू विमान पूर्वी और पश्चिमी मोर्चे को संभालेंगे. भारतीय वायुसेना अंबाला और हासीमारा एयरबेस का इस्तेमाल करके किसी भी स्थिति में पाकिस्तान और चीन को मुंहतोड़ जवाब दे सकेगी. इससे पहले इन लड़ाकू विमानों को उत्तर प्रदेश के सरसावा में तैनात करने की थी,
लेकिन जमीन अधिग्रहण नहीं हो पाने पर इस योजना को बदल दिया गया. इसके बाद इनको अंबाला में तैनात करने का फैसला लिया
गया है.
भारत ने फ्रांसीसी कंपनी से राफेल जल्द देने को कहा
भारत ने फ्रांसीसी कंपनी पर राफेल विमानों की सप्लाई जल्द से जल्द करने को कहा है. माना जा रहा है कि सितंबर 2019 तक ये
लड़ाकू विमान भारत को मिल जाएंगे. चीन सीमा के सबसे नजदीक एयरबेस हासीमारा में MiG-27 की जगह इन विमानों की तैनाती
की जाएगी.