आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन का अकेला ऐसा मामला नहीं है. भले ही उन्हें अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाने पर निलंबित कर दिया गया हो, लेकिन उनके जैसे कई अन्य अधिकारी हैं , जिनके निलंबन की कहानियां तो और भी ज्यादा अनोखी हैं.
तस्वीर में आप जिस महिला को देख रहे हैं उनका नाम है सोनाली कुमार. ये 1979 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी सैंडविच और डायट कोक की वजह से जम्मू-कश्मीर सरकार ने इनका तबादला कर दिया.
तस्वीरो में देखें: इन अधिकारियों को भुगतना पड़ा ना कहने का खामियाजा
राज्य की वरिष्ठ महिला अधिकारियों में से एक सोनाली की पोस्टिंग इस साल अप्रैल में राज्य की प्रिंसिपल रेजिडेंट कमिशनर के तौर पर दिल्ली में हुई थी. 31 जुलाई को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह वाले राज्य कैबिनेट ने सजा के तौर पर उनका ट्रांसफर जम्मू-कश्मीर ट्रिब्यूनल में कर दिया. आपको मालूम है सोनाली का गुनाह क्या था? दरअसल, उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को सैंडविच और डायट कोक परोस दी थी, जबकि वे कबाब और बिरयानी खाना चाहते थे. उन पर आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों की खातिरदारी ठीक से नहीं की.
सोनाली ने मेल टुडे को बताया, 'मुझे कैबिनेट के फैसले से काफी दुख पहुंचा है. जहां भी सरकार मेरी पोस्टिंग करेगी मैं वहां काम करूंगी. यह सरकार का विशेषाधिकार है. लेकिन मुझे इस तरह से नहीं हटाना चाहिए था. आजकल महिला आईएएस अधिकारियों की सुनता ही कौन है.'
दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से अंग्रेजी में ग्रैज्यूएट सोनाली कहती हैं, 'मेरा तबादला इसलिए कर दिया गया क्योंकि मैंने लंच में गोश्त और कबाब नहीं परोसे. और यह तब हुआ जब राज्य के हालात इतने खराब हैं कि हम कर्मचारियों को उनकी तनख्वाह तक नहीं दे पा रहे हैं.'
हालांकि सोनाली के तबादले की सरकारी वजह नियमित अभ्यास का हिस्सा बताया गया है.
सूत्रों के मुताबिक राज्य के कुछ अधिकारियों ने यह भी शिकायत की थी 9 जुलाई को दिल्ली में योजना आयोग की बैठक के दौरान उन्हें दमघोंटू जम्मू-कश्मीर हाउस में ठहराया गया और दाल का पानी परोसा गया.
सोनाली के मुताबिक, 'योजना आयोग में हमारे प्रेजेंटेशन से पहले लंच सेशन था. राज्य से आए तमाम प्रशासनिक अधिकारी वहां पर मौजूद थे और मुझे लंच सेशन की जिम्मेदारी दी गई थी ताकि मीटिंग के दौरान वे सो ना जाए. इसमें गलत क्या है. खान मार्केट के शुगर एंड स्पाइस से खाना मंगवाया गया था.'
पिछले 6 सालों में 11 बार तबादले का सामना कर चुकीं सोनाली कहती हैं, 'अधिकारियों ने अपनी शिकायत में दाल परोसे जाने की बात लिखी थी. कश्मीर में दाल परोसना ज्यादा अच्छा नहीं माना जाता है. वे मुख्यमंत्री के लिए काम करते थे और मेरा तबादला करा दिया गया. किसी ने मुझसे पूछने की भी जरूरत नहीं समझी.'
उन्होंने कहा, 'वे ये सुनिश्चित कर लेना चाहते थे कि मुझे सजा हो नहीं तो मैं फिजूलखर्ची पर जरूर सवाल उठाती रहती. अब उन्होंने यह पक्का कर लिया है कि मैं वापस दिल्ली ना लौट सकूं.'
वे कहती हैं कि उनका मामला भी दुर्गा शक्ति नागपाल की ही तरह है, जिनसे नेताओं की जी-हुजूरी करने की उम्मीद की जाती है.
मेल टुडे ने जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी इकबाल खान से संपर्क करने की काफी कोशिशें की. उन्हें कई बार फोन किया गया और मैसेज भेजे गए, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. आखिकार जब उन्होंने बात की तो सिर्फ इतना कहा, 'मैं इस पर कोई कॉमेंट नहीं करना चाहता.'