1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका अब केंद्र सरकार में तैनात होंगे. खेमका कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जमीन सौदों पर सवाल उठाने के बाद चर्चा में आए थे.
हाल ही में कैबिनेट सेक्रेटरी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को खेमका के हरियाणा सरकार से केंद्र सरकार में तबादले की अनुशंसा की है. अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने खेमका को केंद्र में जगह देने पर अपनी रजामंदी दे दी है.
अशोक खेमका के खिलाफ हाल ही में हरियाणा सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद खेमका के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. आरटीआई कार्यकर्ता ने खेमका पर गोदामों के लिए गालवॉल्यूम सीट खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इसके अलावा उनके खिलाफ हरियाणा सरकार वाड्रा-डीएलएफ सौदे को रद्द करने को लेकर चार्जशीट भी लेकर आई. उन पर आरोप लगाया गया कि डीएलएफ और रॉबर्ट वाड्रा के बीच हुए डीएलएफ सौदे को रद्द करवाने के लिए खेमका अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर गए.
दूसरी ओर खेमका का यह लगातार कहना है कि हरियाणा सरकार वाड्रा-डीएलएफ जमीन सौदे की वजह से बार-बार उन पर हमला करती रही है. खेमका ने 15 अक्टूबर 2012 को रॉबर्ट वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ यूनिवर्सल के बीच हुई डील को रद्द कर दिया था. हरियाणा कैडर के इस अधिकारी ने प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट क्षेत्र की जानी-मानी कंपनी डीएलएफ के बीच जमीन करार के दाखिल-खारिज को रद्द कर दिया था.
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले खेमका का उनके 20 साल के करियर में अब तक 49 बार तबादला हो चुका है.