ममता बनर्जी के मां, माटी, मानुष में एक और 'एम' जुड़ गया है - 'मोदी'. इस तरह अब मां, माटी, मानुष और मोदी का 'योग' बन रहा है.
बांग्लादेश में ये सुखासन की मुद्रा में दिखा, दिल्ली में पद्मासन लगा और अब कोलकाता में सर्वांगासन में तब्दील होने जा रहा है. ये नए जमाने का 'योग' है जो सियासी फासले कम कर रहा है.
ममता से करीबी
एक दौर था जब ममता बनर्जी की योग में दिलचस्पी तो दूर, उन्होंने तो मोदी की जनधन योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं को भी खारिज कर दिया था. मोदी के स्वच्छ भारत अभियान में जहां घोर विपक्षी शशि थरूर जैसे नेता घूम घूम कर झाडू लगा रहे थे, ममता ने समर्थन तक देने इनकार कर दिया था.
वही ममता बनर्जी अब योग को अपार हर्ष और असीम उल्लास के साथ सपोर्ट कर रही हैं - और वो भी अपने मुस्लिम वोट बैंक को नाराज करने का खतरा मोल लेते हुए. अब ये सियासी योगा है या इसे योग की राजनीति कहें , थोड़ा और समझने की बात है, क्योंकि तस्वीर का दूसरा पहलू बिलकुल अलग है.
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