उस वक्त नीतीश कुमार की उम्मीदवारी पर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. तभी पटना में जगह जगह कुछ पोस्टर लगाए गए. ये पोस्टर नीतीश की ब्रांडिंग में शुरुआती कदम थे. माना ये भी गया कि नीतीश कुमार ने इन पोस्टरों के जरिए प्रेशर टैक्टिस अपनाई. वैसे नतीजा आते देर न लगी.
वैसे ये बात तो सबको मालूम हो ही गई है कि प्रशांत किशोर ही नीतीश कुमार के चुनाव अभियान की कमान संभाले हुए हैं. मूल रूप से बिहार के ही बक्सर के रहने वाले प्रशांत किशोर वही शख्स हैं जिन्होंने मोदी के इलेक्शन कैंपन को अमेरिकी चुनावों की तर्ज पर आगे बढ़ाया. नतीजा सामने है.
दोनों कैंपेन में कितना फर्क
मोदी के चुनाव अभियान में 'चाय पे चर्चा' प्रशांत किशोर की टीम का सफल कंसेप्ट रहा. नीतीश के लिए उसकी जगह 'ब्रेकफास्ट विद सीएम' कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. इसी तरह 'बिहार लेक्चर सीरीज', 'जिज्ञासा' और 'गौरव गोष्ठी' जैसे प्रोग्राम भी चलाए जाने हैं.
मोदी कैंपेन की कामयाबी तो दुनिया देख चुकी है. एक ही तरीका हर बार कारगर होगा, इसकी गारंटी नहीं होती. नीतीश का अभियान अभी शुरू होना है.
पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें या www.ichowk.in पर जाएं
आईचौक को फेसबुक पर लाइक करें. आप ट्विटर (@iChowk_) पर भी फॉलो कर सकते हैं.