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पाकिस्तान: ICJ ने जाधव मामले में सुनवाई टालने के भारत के अनुरोध को किया अस्वीकार

पाकिस्तान ने शुक्रवार को दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई दिसंबर तक टालने के भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है.

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कुलभूषण जाधव
कुलभूषण जाधव

पाकिस्तान ने शुक्रवार को दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई दिसंबर तक टालने के भारत के अनुरोध को टाल दिया है. डॉन अखबार ने पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजी) अश्तर औसाफ अली के हवाले से इस मामले का खुलासा किया है. डॉन ने लिखा है कि नीदरलैंड में स्थित वाणिज्य दूतावास के जरिए पाकिस्तान को इसका पता चला है. पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने बताया कि आईसीजे ने भारत को 13 सितंबर तक अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

आईसीजे से दिसंबर तक का मांगा था वक्त
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल माहिने में 45 वर्षीय जाधव को मौत की सजा सुनाई थी. एजी ने कहा कि 'आईसीजे ने पाकिस्तान को पत्र लिख अपने इस फैसले की जानकारी दी है.' उन्होंने कहा कि 'जाधव मामले में अपील दायर करने के लिए भारत ने आईसीजे से दिसंबर तक का वक्त मांगा था. लेकिन अदालत ने उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया.'

मामला जिंदगी और मौत का है
भारत का रूख था कि यह मामला जिंदगी और मौत का है. जबकी पाकिस्तान का कहना है कि आईसीजे अपीली अदालत नहीं है. एजी ने आगे कहा कि 'कायदे से आईसीजे को यह तय करना है कि जाधव को राजनयिक पहुंच दी जा सकती है या नहीं, ऐसे में जवाब दाखिल करने के लिए दो या तीन महीनों का वक्त काफी है.'

18 मई को आईसीजे ने लगाया था सजा पर रोक
डॉन ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि पाकिस्तान आईसीजे में अपना जवाब दिसंबर में दाखिल करेगा. जबकि अदालत की कार्यवाही जनवरी 2018 में शुरू होगी. इस मामले पर सुनवाई के दौरान, 18 मई को हेग स्थित आईसीजे की 10 सदस्यों की पीठ ने पाकिस्तान को जाधव को फांसी देने से रोक दिया था. जाधव के मौत की सजा के खिलाफ भारत ने आठ मई को आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था. इसके अगले ही दिन वैश्विक अदालत ने सजा पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी थी.

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को पिछले वर्ष तीन मार्च को अपने अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. आरोप है कि वो उस वक्त ईरान से वहां प्रवेश की कोशिश कर रहा था. हालांकि भारत का कहना है कि ईरान से जाधव का अपहरण किया गया. जहां नौसेना से सेवानिवृत होने के बाद वह कारोबार कर रहा था.

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