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कुलभूषण जाधव को लेकर पाकिस्तान फिर दुष्टता पर उतरा तो कई उपाय हैं: हरीश साल्वे

देश के नामी वकील हरीश साल्वे सिर्फ एक रुपये की फीस लेकर ही पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव का अंतरराष्ट्रीय अदालत में केस लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि केस में आए फैसले ने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर बहुत संतुष्टि दी.

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अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव का केस लड़ रहे हैं देश के नामी वकील हरीश साल्वे.(फोटो-ANI)
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव का केस लड़ रहे हैं देश के नामी वकील हरीश साल्वे.(फोटो-ANI)

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पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भारत के पक्ष में फैसला दिया है. कोर्ट ने पाकिस्तान को आदेश दिया है कि वह कुलभूषण जाधव को काउंसलर पहुंच प्रदान करे. हरीश साल्वे का मानना है कि जिस ढंग से कोर्ट ने पाकिस्तान को अपने न्यायिक प्रक्रिया की समीक्षा करने की नसीहत दी, उसने न केवल दिल खुश कर दिया, बल्कि कानून के शासन की जीत स्थापित की. देश के नामी वकील हरीश साल्वे सिर्फ एक रुपये फीस लेकर ही अंतरराष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव का केस लड़ रहे हैं.

पाकिस्तान की सैन्य अदालत  भारतीय नागरिक कूलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुना चुका है. जिसे भारत ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में चुनौती दी है. हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान के आचरण पर नजर रखी जा रखी है. किसी भी तरह की गलत गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. अगर पाकिस्तान  दुष्टता करेगा, कोर्ट के फैसले का पालन नहीं करेगा तो और भी उपाय उपलब्ध हैं.

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वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा- हम पाकिस्तान से आशा करते हैं कि वह कोर्ट के फैसले को अमलीजामा पहनाएगा. अगर पाकिस्तान ने नियमों का उल्लंघन किया तो ठीक नहीं होगा. उसका आचरण निगरानी के दायरे में है. साल्वे ने कहा कि केस में आया फैसला राहत, संतुष्टि देने वाला है. फैसले ने कानून के शासन में, आईसीजे में और व्यवस्थाओं में हमारे विश्वास को और पुख्ता किया है. यह मानव जाति की भलाई करने वाला फैसला है. उन्होंने कहा, "हमने अदालत में पाकिस्तान के आचरण को लेकर चुनौती दी थी कि वह वियना समझौते का पालन नहीं कर रहा है. अदालत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गलत कार्य का दोषी माना.

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने बुधवार को अपने आदेश में कहा था- भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दिए फांसी के फैसले और अपनी न्यायिक प्रक्रिया का पाकिस्तान समीक्षा करे. उन्हें वकील की सुविधा प्रदान करे. यह इस मामले में भारत की बड़ी जीत रही. हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह से आदेश का उल्लंघन किए जाने पर  मामला फिर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जाएगा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रतिबंध सहित अन्य उपाय भी लागू हो सकते हैं.

49 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 को मौत की सजा सुनाई थी. इंटरनेशनल कोर्ट ने 15-1 के बहुमत से फैसला सुनाया. उन्होंने कुलभूषण जाधव को दी गई सजा के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा.

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हरीश साल्वे ने कहा कि यह उनके लिए व्यक्तिगत संतुष्टि की डिग्री थी. उन्होंने सुनवाई के दौरान पाकिस्तान की ओर से इस्तेमाल विशेषणों का सहारा नहीं लिया. सिवाय दुर्भाग्यपूर्ण कहने के. उन्होंने कहा- मैने अदालत से कहा था कि मेरी परवरिश और भारत की परंपराएं मुझे उस भाषा में जवाब देने की अनुमति नहीं देती. उन्होंने कहा- आईसीजी के आदेश ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर दिया.

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