भारतीय सेना की तर्ज पर ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) अपने जवानों की छुट्टियां बढ़ाने पर विचार कर रहा है. अधिकारियों के अनुसार इससे देश में आतंकवाद निरोधक और नक्सल निरोधक अभियानों में व्यापक रूप से तैनात किये जाने वाले जवानों को अधिक आराम देने में मदद मिलेगी.
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि सीआरपीएफ अपने जवानों और कमांडिंग अधिकारियों (सीओ) को साल में 15 से बढ़ाकर 13 और आकस्मिक अवकाश (सीएल) देने पर विचार कर रहा है. इस तरह सीआरपीएफ की एक साल में 28 आकस्मिक अवकाश देने के लिए गृह मंत्रालय के पास प्रस्ताव पेश करगी.
फिलहाल सीआरपीएफ में सीओ रैंक तक के अधिकारियों को जम्मू कश्मीर जैसे अभियानगत रूप से सक्रिय क्षेत्र, वाम चरमपंथ वाले क्षेत्र एवं पूर्वोत्तर में उग्रवाद निरोधक ड्यूटी में तैनाती के दौरान साल में 60 अर्जित अवकाश और 15 आकस्मिक अवकाश (सीएल) मिलते हैं लेकिन अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीएल की समय सीमा बढ़ाकर इसे 28 दिन करने की योजना में लगा है.
अधिकारियों ने बताया कि इस प्रस्ताव का सीआरपीएफ के सैनिकों और अधिकारियों ने समर्थन तब किया जब सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी गये थे.
वहीं सेना में साधारण सिपाही हो या सेना प्रमुख सभी को 60 अर्जित अवकाश और 28 आकस्मिक अवकाश मिलते हैं. ये सेना चाहे शांति मिशन पर हों या किसी अभियान पर, इस व्यवस्था से जवानों को अपनी छुट्टी की गतिविधियों की योजना बनाने और अच्छी तरह छुट्टी मनाने में मदद मिल जाती है.
बता दें, पुलवामा में एक आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे. इसी घटना के बाद ही सीआरपीएफ ने अपने जवानों की छुट्टियां बढ़ाने पर विचार किया. अधिकारी ने बताया कि तीन लाख कर्मियों वाले सीआरपीएफ के सभी क्षेत्रीय कमांडरों को इस प्रस्ताव पर अपनी राय देने को कहा गया है जिसके बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय के पास भेजा जाएगा.