तीसरे मोर्चे के रूप में तमाम क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर गैर-कांग्रेस, गैर-बीजेपी विकल्प तैयार करने की वाम दलों की कोशिश फिर से परवान चढ़ रही है. दिलचस्प बात यह है कि सीपीएम आम आदमी पार्टी को भी इस मोर्चे में शामिल करना चाहती है.
सीपीएम महासचिव प्रकाश करात के मुताबिक, इस सिलसिले में अगले हफ्ते 11 दल दिल्ली में मिलेंगे. 25 फरवरी को इस नए मोर्चे के नाम और विजन का भी ऐलान कर दिया जाएगा. इसमें 11 राजनीतिक दल शामिल होंगे. सीपीएम महासचिव इस मोर्चे में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को भी शामिल करना चाहते हैं.
करात ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी रुचि दिखाती है, तो वह भी इस सियासी गठजोड़ में जगह पा सकती है. अगर ऐसा होता है तो कभी सीपीएम के अभेद्य दुर्ग रहे पश्चिम बंगाल में मंजर काफी दिलचस्प हो जाएगा. क्योंकि यहां सीपीएम की धुर विरोधी तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार चला रही हैं और कभी अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक गुरु रहे अन्ना हजारे उनके पक्ष में प्रचार करने का ऐलान कर चुके हैं.
मगर दिल्ली के बाहर नहीं AAP का असर
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक आम आदमी पार्टी के संदर्भ में बात करते हुए
प्रकाश करात ने कहा कि हम उन्हें एक गैर कांग्रेसी, गैर बीजेपी पार्टी मानते हैं. मगर मुश्किल है कि
दिल्ली में शानदार कामयाबी हासिल करने वाली यह पार्टी सिर्फ खुद को ही शुद्द और राजनीतिक रूप से
ईमानदार मानती है.
प्रकाश ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली केंद्रित है. मुझे नहीं लगता कि यह राष्ट्रीय स्तर पर कोई असर डाल पाएगी. सीपीएम महासचिव के मुताबिक जिन मुद्दों पर आम आदमी पार्टी मुखर है, उनके बारे में देश के वाम दल काफी पहले से आवाज उठा रहे हैं.
कौन-कौन होगा इस तीसरे मोर्चे में
वाम दलों की बात करें तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
(सीपीएम) इस नए मोर्चे की धुरी होंगे. इसके अलावा इस मोर्च में हाल में लेफ्ट से तमिलनाडु में गठबंधन
करने वाली जयललिता की एआईएडीएमके, उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी, बिहार में शासन कर
रही जनता दल यूनाईटेड, उड़ीसा में सरकार चला रही नवीन पटनायक का बीजू जनता दल, कर्नाटक की
जेडीएस, लेफ्ट गठबंधन का हिस्सा फॉरवर्ड ब्लॉक, असम गण परिषद और बाबू लाल मरांडी का झारखंड
विकास मोर्चा शामिल हो सकते हैं.
फिलहाल हाथ हैं 90 सीटें
मौजूदा लोकसभा की बात करें तो इसमें इस संभावित मोर्चे के दलों के पास 90 लोकसभा सीटें हैं. क्या यह
मोर्चा पूरे देश में सीटों का तालमेल भी करेगा. इस सवाल पर प्रकाश करात ने सीधा जवाब नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि इस मोर्चे का चरित्र संघीय है. इसमें ज्यादातर क्षेत्रीय राजनीतिक दल हैं, जिनका एक
प्रदेश विशेष में ज्यादा जनाधार है. हमारा मकसद इन सभी को साथ लाकर राष्ट्रीय स्तर पर एक विकल्प
मुहैया कराना है. हम एक दूसरे को हर मुमकिन चुनावी मदद मुहैया कराएंगे.