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BJP MP बोले- JNU जाना दीपिका की आजादी, छपाक अच्छी लगी तो जरूर देखूंगा

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने पश्चिम बंगाल की विश्व भारती विश्वविद्यालय में तृणमूल कांग्रेस की छात्र ईकाई और एसएफआई के छात्रों द्वारा बंधक बनाए जाने के बाद आजतक से खुलकर बात की. साथ ही उन्होंने कहा कि दीपिका पादुकोण अपने विचारों को लिए स्वतंत्र हैं.

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दीपिका पादुकोण (फाइल फोटो- PTI)
दीपिका पादुकोण (फाइल फोटो- PTI)

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  • 'मैं दीपिका के विचारों के लिए उनका बहिष्कार नहीं करूंगा'
  • BJP सांसद ने कहा- छपाक अच्छी होगी तो जरूर देखूंगा

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने पश्चिम बंगाल की विश्व भारती विश्वविद्यालय में तृणमूल कांग्रेस की छात्र ईकाई और एसएफआई के छात्रों द्वारा बंधक बनाए जाने के बाद आजतक से खुलकर बात की. साथ ही उन्होंने कहा कि दीपिका पादुकोण अपने विचारों को लिए स्वतंत्र हैं. उनकी फिल्म छपाक अच्छी होगी तो जरूर देखूंगा.

उन्होंने कहा, 'मुझे वहां सीएए 2019: समझ और व्याख्या... पर बोलना था. इस व्याख्यान के लिए मुझे वहां आमंत्रित किया गया था. तभी मुझे पता चला कि कुछ लेफ्ट के छात्र वहां प्रोटेस्ट के एकत्रित हो गए हैं.'

उन्होंने बताया, 'छात्रों के वहां आने बात पता लगने पर हमने स्थान बदला.' दरअसल, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद, समारोह को विश्वभारती के दूसरे परिसर श्रीनिकेतन में सामाजिक कार्य विभाग के एक अन्य सभागार में स्थानांतरित कर दिया गया.

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इससे पहले, जैसे ही दासगुप्ता विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हुए, छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. दासगुप्ता ने बताया कि अगर वो बाहर गए होते तो हिंसा हो सकती थी. इसलिए टकराव से बचने के लिए स्थान को बदला गया.

उन्होंने कहा, 'मैं वहां किसी पार्टी के मंच पर नहीं बल्कि एक शैक्षणिक मंच पर बोलने के लिए गया था. यह बहुत असहज था क्योंकि वे सीएए पर दूसरा दृष्टिकोण सुनना चाहते थे. छात्र मेरे साथ प्लेटफॉर्म साझा करने के लिए तैयार नहीं थे. यह असहिष्णुता और वाम फासीवाद की पुनरावृत्ति को दर्शाता है.'

उन्होंने कहा कि बंगाल और विशेष रूप से विश्वविद्यालयों में पूर्ण असहिष्णुता का माहौल है. वहां ममता बनर्जी की टीएमसी लेफ्ट के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही है. उन्हें लगता है कि इससे बीजेपी-वाम दल आमने-सामने होंगे और टीएमसी को फायदा होगा. बीजेपी सांसद दासगुप्ता ने कहा कि चुनावी संघर्ष में यह हो सकता है, लेकिन छात्र राजनीति में नहीं.

उन्होंने कहा कि बंगाल में सरकार विफल हो रही है इसलिए वो राज्यपाल को भी ऐसे मामलों में घसीट रही है. ये असाधारण हालात हैं. उन्होंने सीएए को लेकर ममता पर निशाना साधा और कहा कि नागरिकता अधिनियम उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण आए हैं, लेकिन ममता अपनी वोट बैंक की राजनीति के कारण विरोध कर रही हैं.

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बीजेपी सांसद ने कहा, विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थिति पूर्ण रूप से ध्रुवीकृत है कि लोगों को पीटने और हिंसा करने वाला संघर्ष ही बुनियादी तरीका है, बहस नहीं.

दीपिका पादुकोण के जेएनयू हिंसा को लेकर हुए प्रदर्शन में शामिल होने पर बीजेपी सांसद ने कहा, मैं अपनी वोटिंग प्राथमिकताओं या अपने राजनीतिक विचारों के कारण फिल्म छपाक या दीपिका पादुकोण से मुंह नहीं मोड़ने जा रहा हूं. वह एक बहुत ही प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं और अगर फिल्म मुझे पसंद आ रही है तो देखूंगा भी.

'दीपिका अपने विचारों के लिए स्वतंत्र'

आगे उन्होंने कहा, 'इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी हर बात से मैं सहमत हूं. उनके अपने राजनीतिक विचार हैं और उन्हें उसे व्यक्त करने का पूरा अधिकार है. मैं उनसे असहमत हो सकता हूं और ऐसा कह भी सकता हूं. लेकिन मैं उनके विचारों के लिए उनका बहिष्कार नहीं करूंगा.'

विश्व भारती विश्वविद्यालय में बंधक बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि मैं पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करूंगा. मुझे असुविधा हुई लेकिन मारपीट नहीं हुई. मैं बोलना जारी रखूंगा.

विश्व भारती विश्वविद्यालय फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो सुदीप्ता भट्टाचार्य ने कहा, 'दासगुप्ता छात्रों के विरोध के कारण व्याख्यान पूरा नहीं कर सके. वह वर्तमान में वीसी के साथ श्रीनिकेतन में सामाजिक कार्य विभाग के भीतर थे. छात्र बाहर नारे लगा रहे थे. हम उन्हें अंदर मौजूद लोगों को छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे.'

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एसएफआई की विश्वविद्यालय इकाई के नेता सोमनाथ साउ ने कहा कि छात्र 'समुदायों के बीच नफरत को बढ़ाना देने वालों' को उनके दुष्प्रचार के प्रसार के लिए विश्व भारती की जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे जो रवीन्द्रनाथ टैगोर के आदर्शों पर स्थापित है. हम भाजपा और हिंदुत्व शक्तियों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे.

बंधक बनाए जाने के दौरान भाजपा नेता दासगुप्ता ने ट्वीट किया था, 'सीएए पर आयोजित शांतिपूर्ण बैठक पर भीड़ हमले और छात्रों को डराए जाने पर कैसा अनुभव होता है? ऐसा ही कुछ विश्व भारती में हो रहा है जहां मैं संबोधन दे रहा हूं. फिलहाल कमरे में बंद हूं और बाहर भीड़ जमा है.'

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