भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान में उत्पीड़न के कारण वहां से भाग कर भारत आ रहे अल्पसंख्यकों के लिए शरणार्थी पुनर्वास नीति बनायी जाए. इन लोगों को भारत की नागरिकता दी जानी चाहिए.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात पर यहां आयोजित गोष्ठी में सिंह ने कहा कि यदि भाजपा सत्ता में आयी तो हम इस मुद्दे को हल्के में नहीं लेंगे. हम जो कर सकते हैं, करेंगे और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसका क्या प्रभाव होगा, उसकी चिन्ता नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा की घटना के बाद भारत को पाकिस्तान से अस्थायी तौर पर राजनयिक संबंध खत्म करके इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को वापस बुला लेना चाहिए था.
भाजपा प्रमुख ने कहा कि वह महसूस करते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ जिस तरह की इच्छाशक्ति और दृढता का परिचय देना चाहिए, वह संप्रग सरकार में नहीं है.
उन्होंने कश्मीर के पुंछ सेक्टर में हाल ही घटना का जिक्र किया, जिसमें पाकिस्तानी सैनिकों ने दो भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी और उनमें से एक का सिर धड़ से अलग कर दिया था.
'विश्वास बहाली की सभी प्रक्रियाएं रोक देनी चाहिए थी'
सिंह ने कहा, ‘ऐसा कहने के लिए मुझे माफ कीजिए लेकिन मैं महसूस करता हूं कि भारत को न सिर्फ पाकिस्तान से बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जिस तरह से इस घटना का विरोध करना चाहिए था, वह नहीं किया गया. फिलहाल भारत को कहना चाहिए था कि वह विश्वास बहाली की सभी प्रक्रियाओं को बंद कर रहा है. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि ऐसा हमेशा के लिए करना चाहिए लेकिन फिलहाल ऐसा किया जाना चाहिए था.’
सिंह ने कहा कि संप्रग सरकार और उसकी नीतियों की विफलता का ही नतीजा है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं.