चारा घोटाला मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के भाग्य का फैसला 30 सितंबर को होना है लेकिन पार्टी के नेता पार्टी के भविष्य को लेकर अपनी रणनीति बनाने में जुट गये हैं. खासकर 2014 के चुनाव को लेकर पार्टी की चिन्ता है कि अगर लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में सजा होती है तो उन परिस्थियों में पार्टी का क्या रुख होगा. फिलहाल संभावना जताई जा रही है कि लालू को जेल होने की दशा में पार्टी की कमान उनकी पत्नी राबड़ी देवी या वैशाली से सांसद और पूर्व मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को दी जा सकती है.
लालू की तैयारी है पूरी
लालू प्रसाद ने संगठन को लेकर पहले से ही तैयारी कर रखी है. उन्होंने राज्य के 38 जिलों की कमान 15 महत्वपूर्ण नेताओं को सौंप दी है. मगर इन सबका मुखिया कौन है. इस सवाल पर सब ले देकर लालू और उनके परिवार का ही राग अलापते हैं. आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी का कहना है कि पार्टी ने इस फैसले के लिए पहले ही लालू प्रसाद जी को अधिकृत कर दिया है. वह जिसे चाहें बनाएं.
पहली दावेदार, राबड़ी देवी
एक संभावना यह जताई जा रही है कि लालू प्रसाद यादव पार्टी की कमान पूर्व मुख्यमंत्री और अपनी धर्मपत्नी राबड़ी देवी को दे सकते हैं. 1997 में जब इसी चारा घोटाले के चलते वह पहली बार जेल जा रहे थे तब उन्होंने अपनी पत्नी को सीधे रसोई घर से निकाल कर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था. ये भी माना जा रहा है कि उनके नाम पर पार्टी में किसी को ऐतराज नहीं होगा. उधर लालू के छोटे बेटे तेजस्वी भी पार्टी संगठन में तेजी से सक्रिय हो रहे हैं.
दूसरे दावेदार, रघुवंश प्रसाद सिंह
एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि वरिष्ठ सांसद और पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है. इसके दो सियासी फायदे होंगे. पहला राजपूत वोटरों में अच्छा संदेश जाएगा. दूसरा लालू पर जो परिवारवाद के आरोप लगते हैं, वह कुछ कुंद हो जाएंगे. मगर रघुवंश बाबू की राह की रुकावट बन सकते हैं, नीतीश का पल्लू छोड़ हाल ही में पार्टी में आए महाराजगंज के सांसद प्रभुनाथ सिंह.
राबड़ी देवी के पक्ष में दलील देते हुए पार्टी विधायक सम्राट चौधरी बोले कि आखिर वह क्यों नहीं बन सकतीं पार्टी अध्यक्ष. उन्होंने 7-8 साल तक बिहार में सरकार चलाई है.
क्या है मामला, जिसमें हो सकती है लालू को जेल
रांची में सीबीआई की विशेष अदालत चारा घोटाले के आरसी/20 ए/96 केस में अपना फैसला 30 सितंबर को सुनाएगी. इस मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपी हैं जिन पर चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड रुपये की अवैध निकासी का आरोप है.