लगभग 20 साल बाद अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की तस्वीर और कुछ दस्तावेज सामने आए हैं, लेकिन डॉन के परिवार के वकील श्याम केसवानी ने इस सबूतों की प्रमाणिकता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
केसवानी ने आज तक से बातचीत में सवाल उठाया, 'क्या भारतीय जांच एजेंसियों ने इन दस्तावेजों को वेरिफाई किया है? क्या ये असली दस्तावेज हैं?' उन्होंने कहा कि
हम भारतीय जांच एजेंसियों के बारे में बात न ही करें तो बेहतर है. केसवानी का कहना है कि अगर पाकिस्तान ने इस सबूतों को खारिज कर दिया तो दाऊद को अाप कैसे पकड़ पाएंगे .
श्याम केसवानी ने कहा कि जब दाऊद ने मुंबई वापस लौटने की इच्छा जताई थी, तब केंद्र सरकार ने मना क्यों कर दिया था. क्या भारतीय एजेंसियां उसके साथ अबू सलेम की तरह कॉन्ट्रैक्ट कर पाएगी?
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने दाऊद की पत्नी का फोन का बिल पेश किया है, जिसमें पाकिस्तान के कराची का पता है. आज तक तो दाऊद का पासपोर्ट 2006 में ही दिखा चुका है. केसवानी का कहना है कि फर्जी पासपोर्ट बनाना बहुत आसाना है. फिर क्या गारंटी है कि जो पासपोर्ट दिखाया गया, वह दाऊद का ही है.