आईआईटी मुंबई के पूर्व छात्रों ने हिंदी में पहली बार एक ऐसी वेबसाइट शुरू की है, जहां यूजर फेसबुक की तरह अपना पेज बना सकता है और ब्लॉग के जरिए विचार साझा कर सकता है. 'शब्दनगरी' के नाम से शुरू की गई यह वेबसाइट फेसबुक से प्रेरित होने के बावजूद उसकी हूबहू नकल नहीं है. इस वेबसाइट पर यूजर राष्ट्रभाषा हिन्दी में अपनी कहानियां, कविताएं और कमेंट पोस्ट सकते हैं. इस साइट को विचारधारा वाले लेखकों और हिन्दी भाषी लोगों से जुड़ने के लिए बनया गया है.
साल 2007 में मुंबई आईआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले, कानपुर के निवासी अमितेश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की. नौकरी में मन नहीं लगने के बाद उन्होंने खुद की कंपनी खोलने की योजना बनाई और आईआईटी कानपुर में एसआईसीसी (सिडबी इनोवेशन एंड इन्कयूबेशन सेंटर) की मदद से इंक्यूबेटेड कंपनी ट्राइडेंट एनालिटिकल सॉल्यूशन बनाई.
मिश्रा ने बताया कि कंपनी बनाने में सिडबी ने उन्हें करीब 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी. इसी कंपनी के बैनर के तले बनी www.shabdanagari.in एक ऐसी इंटरनेट सेवा है, जो हिंदी में मौलिक विचारों को प्रोत्साहित करती है. इस मंच पर आप अपनी वेबसाइट, पेज और ब्लॉग हिंदी में बना सकते हैं और अपनी अभिरुचि के लोगों से जुड़ सकते हैं. मिश्रा ने कहा कि देश के 65 करोड़ हिंदी भाषी लोग हैं, जो हिंदी में बोलते, लिखते और पढ़ते हैं. वे बहुत कुछ लिखना चाहते हैं, कहना चाहते हैं लेकिन उनके लिए मंच उपलब्ध नहीं था. अब ‘शब्दनगरी’ के रूप में उन्हें एक ऐसा मंच उपलब्ध करवाया गया है, जिसकी मदद से वह अपनी राष्ट्रभाषा में भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं और समान विचारधारा के लोगों से जुड़ सकते हैं.
इस वेबसाइट पर सभी सेवाएं मुफ्त हैं. दस लोगों के साथ ट्राइडेंट एनालाटिकल सॉल्यूशन कंपनी बनाने वाले मिश्रा ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ से प्रेरित वेबसाइट ‘शब्दनगरी’ का इस्तेमाल हिंदी भाषी आसानी से कर सकते हैं. हिंदी के ऑनस्क्रीन की-बोर्ड बनाए गए हैं और इसका इस्तेमाल किसी भी सोशल वेबसाइट की तरह किया जा सकता है. मिश्रा ने कहा कि यह फेसबुक से प्रेरित जरूर है, लेकिन फेसबुक की तरह नहीं है.