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मौसम का बदला मिजाज, हिमालय पर बर्फबारी तो मैदानों में बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे से उत्तर पश्चिम हिमालय के तमाम इलाकों में मौसम ने पूरी तरह से करवट ले ली है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल के तमाम इलाकों में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे से उत्तर पश्चिम हिमालय के तमाम इलाकों में मौसम ने पूरी तरह से करवट ले ली है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल के तमाम इलाकों में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है. जम्मू कश्मीर में बटोट, बनिहाल कोकरानाग, काजीगुंड, पहलगाम, कुपवाडा और कटरा में 1 सेंटीमीटर से लेकर 4 सेंटीमीटर तक की बारिश रिकॉर्ड की गई. अगर बर्फबारी की बात करें तो जम्मू कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में 10 सेंटीमीटर से लेकर 40 सेंटीमीटर तक की बर्फबारी कई जगह रिकॉर्ड की गई.

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हिमाचल प्रदेश में जनजाति इलाकों लाहौल-स्पीति और किन्नौर में बदले हुए मौसम के बीच रुक रुक कर बारिश और बर्फबारी का सिलसिला देखा गया. कुल्लू मनाली में रोहतांग दर्रे और सोलांग नाला इलाके में बर्फबारी रिकॉर्ड की गई. पिन पार्वती घाटी में ज्यादातर जगहों में बर्फबारी दर्ज की गई. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के तमाम इलाकों में 11 मार्च तक बादलों की आवाजाही के बीच बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी रहेगा. लेकिन 9 और 10 मार्च को हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बारिश या बर्फबारी हो सकती है.

उत्तराखंड की बात की जाए तो यहां पर चारधाम इलाके में यानी गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में मौसम ने करवट ले ली है. इन सभी इलाकों में ऊंची चोटियों पर बर्फ गिर रही है तो निचले इलाकों में बारिश देखी जा रही है. जोशीमठ के पास मौजूद औली में रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 से 48 घंटो तक उत्तराखंड के तमाम इलाकों में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहेगा. जिस तरह से वेदर सिस्टम बना हुआ है उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि कई जगहों पर भारी बारिश या बारिश की संभावना भी लगातार बरकरार है.

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मैदानी इलाकों की बात करें तो पिछले 24 घंटो में पंजाब, उत्तरी हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और राजधानी दिल्ली में कई जगहों पर हल्की बारिश रिकॉर्ड की गई. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के तमाम इलाकों में आसमान पर बादलों की आवाजाही देखी गई है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले 72 घंटो में यहां पर कई जगहों पर गरज के साथ बारिश होने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं. उधर उत्तरी उड़ीसा और पश्चिमी बंगाल के गांगेय क्षेत्रों में कई जगहों पर बिजली की कड़क के साथ बारिश हुई है. पूर्वोत्तर भारत की बात करें तो यहां पर ज्यादातर इलाकों में बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है और ऐसा अनुमान है कि अगले 3 दिनों तक यहां पर तेज हवाओं के साथ रह रह कर बारिश होती रहेगी. उधर दक्षिण भारत में भी मौसम का रुख बदल रहा है. यहां पर केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में कई जगह पर बारिश होने की संभावना बन रही है.

अब आपको हम बताते हैं कि आखिरकार पूरे देश में मार्च के महीने में मौसम ने करवट क्यों ली है. मौसम की जानकारों का कहना है कि इस समय उत्तर भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस ने दस्तक दी हुई है. यह वेदर सिस्टम जमीन से 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक अपना सबसे ज्यादा असर दिखा रहा है. एस डब्ल्यू डी के चलते उत्तर प्रसिद्ध हिमालय के तमाम इलाकों में बारिश और बर्फबारी का दौर देखा जा रहा है. वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से एक दूसरा वेदर सिस्टम बन गया है. यह वेदर सिस्टम है हरियाणा और उत्तर-पूर्व राजस्थान के ऊपर बना एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन. इसकी वजह से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आसमान पर बादलों की आवाजाही हो रही है. इन सबके बीच एक दूसरा वेस्टर्न डिस्टरबेंस इस समय अफगानिस्तान के ऊपर बना हुआ है. अगले 24 घंटे में इसका असर उत्तर भारत में नजर आने लगेगा. यही वजह है कि मौसम विभाग अगले 3 दिनों तक पहाड़ी इलाकों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी बारिश की संभावना जता रहा है.

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