यूरोपीय ऋण संकट को लेकर आशंकायें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. हंगरी में ऋण संकट गहराने की आशंका से लुढ़कते वैश्विक शेयर बाजारों का असर बंबई स्टाक एक्सचेंज पर भी पड़ा और यह 336.62 अंक टूटकर 16,781.07 अंक पर बंद हुआ.
कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 16,686.73 अंक तक नीचे चला गया था. हालांकि कारोबार की समाप्ति पर यह 336.62 अंक नीचे रहा. हालांकि, इससे पहले पिछले तीन कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 545 अंक ऊंचा उठा था. उधर, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 101.50 अंक टूटकर 5,034 अंक पर बंद हुआ.
कारोबार के दौरान एक समय यह 5,004.25 अंक के निचले स्तर पर आ गया था. आईआईएफएल के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अमर अंबानी ने कहा, ‘अमेरिकी बाजारों में कमजोरी और यूरोपीय ऋण संकट के दायरे में हंगरी के भी आने से वैश्विक बाजारों की धारणा पस्त हो गयी.’ बीएसई सेंसेक्स में सबसे अधिक भारांश रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 2.08 प्रतिशत टूटकर 1,009.35 रुपये के भाव पर आ गया.
चौतरफा बिकवाली दबाव से धातु, रीयल्टी, पीएसयू और तेल एवं गैस कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट आई. हालांकि, अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने कमजोर रुख के उलट अपने शेयर भाव में 4.61 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की. कंपनी के निदेशक मंडल ने कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.
हिस्सेदारी बिक्री की अटकलों की वजह से आरकाम के शेयरों में पिछले कुछ सत्रों से तेजी बनी हुई है. एक जून से अब तक आरकाम के शेयर करीब 30 प्रतिशत तक चढ़ चुके हैं. दूसरी ओर, गिरावट की मार धातु शेयरों पर ज्यादाप पड़ी. इससे हिंडाल्को में 5 प्रतिशत, टाटा स्टील में 4.59 प्रतिशत, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज में 4.24 प्रतिशत और जिंदल स्टील में 2.62 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
बैंकिंग शेयरों में भी गिरावट देखी गई और इस दौरान आईसीआईसीआई बैंक 2.79 प्रतिशत, एचडीएफसी 2.50 प्रतिशत, एसबीआई 2.34 प्रतिशत और एचडीएफसी बैंक 0.40 प्रतिशत कमजोर होकर बंद हुए. इसी तरह, आईटी शेयरों में इनफोसिस 2.14 प्रतिशत, टीसीएस 1.61 प्रतिशत और विप्रो 0.40 प्रतिशत गिरकर बंद हुए. इनके अलावा, रीयल्टी क्षेत्र की दिग्गज डीएलएफ का शेयर सबसे अधिक 6.19 प्रतिशत टूटकर बंद हुआ.