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GST का असर, 'बिहार के मैनचेस्टर' में थम गई पावरलूम की आवाज

गया के मानपुर के पटवाटोली में 4 हजार पॉवरलूम हैं जिसमें लगभग 60 प्रतिशत पॉवरलूम बंद हो गए हैं. पॉवरलूम के मालिकों ने बताया कि 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के साथ ही पॉवरलूम को बंद करना मजबूरी हो गई.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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बिहार के मैनचेस्टर कहे जाने वाले गया के मानपुर पटवाटोली इलाके में पावरलूम मशीनों के सूत नहीं आने के कारण बंद पड़ गई हैं. बताया जा रहा है कि गया के मानपुर के पटवाटोली में जीएसटी लागू होने के बाद ऐसा हुआ है. मुख्य परेशानी जीएसटी नंबर के बारे में समझने और नंबर लेने को लेकर हो रही है. देश में जीएसटी लागू होने के बाद गया के मानपुर में सूत का एक भी ट्रक नहीं आया है. इसका सीधा असर गया के पटवाटोली पर पड़ रहा है.

आपको बता दें कि गया के मानपुर के पटवाटोली में 4 हजार पावरलूम हैं जिसमें लगभग 60 प्रतिशत पॉवरलूम बंद हो गए हैं. पावरलूम के मालिकों ने बताया कि 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के साथ ही पॉवरलूम को बंद करना मजबूरी हो गई क्योंकि बिना जीएसटी नंबर के ना तो कच्चा धागा खरीद सकते हैं और ना ही तैयार माल को बेच सकते हैं. इसमें खरीदने और बेचने वाले के पास जीएसटी नंबर अनिवार्य है. जीएसटी नंबर के लिए आवेदन भी दिया जा चुका है लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक जीएसटी नंबर नहीं मिला है. जिससे पटवाटोली के पॉवरलूम को बंद करना पड़ा है और इससे ज्यादा परेशानी तो कारीगरों को है जो वापस अपने घर चले गए हैं.

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पटवाटोली इंजीनियर की फैक्ट्री के रूप में भी जाना जाता है. हर साल आईआईटी में दर्जनों बच्चे क्वालिफाई करते हैं. इन्हीं पावरलूमों के बीच बैठकर वो तैयारी करते हैं और सफलता पाते हैं. पावरलूम से न केवल घर परिवार चलते हैं बल्कि बच्चों का भविष्य भी रोशन होता है.

 

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