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इंफाल घाटी में भारी बारिश से आई बाढ़, 3500 परिवार हुए बेघर

पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भारत के उत्तर-पूर्वी  हिस्सों  में  बाढ़ आ रही है. कुछ विशेष हिस्सों जैसे मणिपुर, मिजोरम,असम और त्रिपुरा में हालात बद से बदतर हो गए हैं. अकेले त्रिपुरा में ही पिछले 24 घंटे में 3500 परिवार बेघर हो गए.

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इंफाल घाटी में बाढ़ से बिगड़े हालात
इंफाल घाटी में बाढ़ से बिगड़े हालात

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पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भारत के उत्तर-पूर्वी  हिस्सों में बाढ़ आ रही है. कुछ विशेष हिस्सों जैसे मणिपुर, मिजोरम,असम और त्रिपुरा में हालात बद से बदतर हो गए हैं. अकेले त्रिपुरा में ही पिछले 24 घंटे में 3500 परिवार बेघर हो गए.

राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र (एसईओसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 3500 परिवारों को 89 राहत शिविरों में ले जाया गया है. अधिकारियों ने बताया कि इंफाल पूर्व, इंफाल पश्च‍िम, थाउबॉल और बिशनपुर जिलों के निचले इलाकों में पानी भर गया है.

नाधर क्षेत्र में लोंगाई नदी से पानी बाहर आने के कारण करीमगंज की बराक घाटी सबसे अधिक प्रभावित हुई है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते यहां के 222 गांवों में 1,48,912 लोग प्रभावित हुए हैं.

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राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने जिले से 124 लोगों को निकाला है. अधिकारियों ने 71 राहत शिविर सक्रिय कर दिए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी सरकारी कार्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में दो दिन की छुट्टी भी घोषित कर दी थी. शिक्षा निदेशालय (स्कूल) ने जिरिबाम जिले को छोड़कर पूरी इंफाल घाटी में सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में दो दिन की अवकाश की घोषणा की है.

सुबह बारिश थम गई, लेक‍िन मौसम विभाग ने 15 जून तक बारिश होने का अनुमान लगाया है. थाउबॉल जिले में कम से कम सौ मकानों में उफनती थाउबॉल नदी का पानी घुस गया. ऐसे में लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली. अधिकारियों के अनुसार राजधानी इंफाल के मिनुथोंग में इंफाल नदी अधिकतम बाढ़ स्तर पर बह रही है. इरिलबुंग और लिलोंग नदियां भी खतरे के निशान पर बह रही हैं.

इंफाल घाटी, जिसमें राज्य के 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 40 शामिल हैं, बाढ़ के पानी से बुरी तरह प्रभावित है. इसके चलते लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ पहाड़ी जिलों को भी  बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन ने बुरी तरह प्रभावित किया है. भूस्खलन ने 40 से अधिक स्थानों में सड़कों को अवरुद्ध कर यातायात को बाधित कर दिया है.

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