योगगुरु बाबा रामदेव के शनिवार से अनशन पर बैठने से पहले शुक्रवार को दिन भर उनके इर्दगिर्द अहम घटनाक्रम हुए. केंद्रीय मंत्रियों और योगगुरु के बीच जहां करीब छह घंटे बातचीत चली, वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मिलकर उन्हें रामदेव के साथ हुई वार्ता से अवगत कराया.
दिल्ली में मीडिया बाबा रामदेव और केंद्रीय मंत्रियों के आसपास पूरी तरह से व्यस्त रहा और राजधानी के कई स्थानों पर इस घटनाक्रम से जुड़ी हलचल देखने को मिली.
बाबा रामदेव के 4 जून से शुरू हो रहे अनशन से पहले उनसे महत्वपूर्ण बातचीत के लिए केंद्र के कुछ कैबिनेट मंत्रियों ने अपनी तय यात्राओं को रद्द कर दिया. इनमें वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी भी शामिल हैं.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुखर्जी ने बाबा रामदेव को अनशन नहीं करने के लिए मनाने के लिहाज से उनसे बातचीत करने के लिए कोलकाता की अपनी यात्रा रद्द कर दी.
सूत्रों के मुताबिक कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली का भी मंगलोर जाने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने भी वार्ता के चलते उसे निरस्त कर दिया. बाबा रामदेव सुबह करीब 11 बजे रामलीला मैदान से निकले. उनके और कपिल सिब्बल तथा सुबोधकांत सहाय से मिलने की जगह की जानकारी नहीं होने के कारण मीडिया काफी दुविधा में रहा. गोल्फ लिंक्स स्थित एक अतिथिशाला में यह बैठक होने की अफवाह फैली लेकिन बैठक क्लैरेजिस होटल में हुई. लेकिन वहां मीडियाकर्मियों को प्रवेश नहीं मिला. यह बैठक दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुई.
रामदेव को अपराह्न तीन बजे राजघाट पहुंचना था लेकिन केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनकी बैठक के करीब पांच घंटे बाद खत्म होने के बाद वह शाम सात बजे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने उनकी समाधि पर पहुंचे.
इस बीच, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात की और योग गुरु से हुई वार्ता से उन्हें अवगत कराया. करीब 40 मिनट की बैठक के दौरान सिंह ने राष्ट्रपति को हाल में अपनी इथियोपिया और तंजानिया की यात्रा के बारे में भी बताया और ‘बाबा रामदेव के साथ चल रही वार्ता’ के बारे में जानकारी दी.
शाम करीब साढ़े सात बजे रामदेव अनशन स्थल रामलीला मैदान पहुंचे और उन्होंने वहां मौजूद अपने सैंकड़ों समर्थकों के बीच अनशन पर जाने की योजना पर कायम रहने का ऐलान किया.