कश्मीर में फैली हिंसा पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर को फूलों वादियों के चलते प्यार नहीं बल्कि वहां पर बसने वाले लोगों के चलते प्यार करो. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता आजाद खुद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उनका जवाब दिया.
राज्य सभा में आजाद के भाषण के प्रमुख अंश-
- इस पूरे सत्र में चार बार कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है.
- मध्य प्रदेश कब से हिंदुस्तान की राजधानी और पार्लियामेंट बन गया कि पीएम मोदी वहां से कश्मीर के मुद्दे पर बोल रहे थे.
- हम चार बार ये मांग कर चुके हैं कि पीएम मोदी को यहां सदन में आकर कश्मीर पर बोलना चाहिए.
- अफ्रीका में कोई घटना होती है तो पीएम ट्वीट कर देते हैं. पाकिस्तान में कोई घटना होती है तो वो अपनी सहानुभूति दिखाते हैं.
- अपने मुल्क का ताज जल रहा है पर उसकी गर्मी पीएम मोदी के दिल तक नहीं पहुचती है.
- कश्मीर को फूलों और वादियों के लिए प्यार नहीं करो, वहां बसने वाले लोगों से प्यार करो.
- पर आपका काम आग लगाना रहा है. (इस बात के बाद बीजेपी की तरफ से हंगामा हुआ)
- मुझे मत मजबूर करो ये कहने के लिए कि किसकी वजह से वहां आग लगी है.
- इस चर्चा में आजाद का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि जम्मू कश्मीर आज सेंसिटिव स्थिति में है. इसलिए आवश्यक है कि सदन में एक आवाज बनकर मैसेज दिया जाए.
- इसी बहस के दौरान बीजेपी के धर्मेंद्र प्रधान ने हंगामा किया तो गुलाम नबी ने कहा कि नए मंत्री हैं. इनको कुछ पता नहीं है. चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि नाम ए सिकंदर रखने से वक्त ए सिकंदर बन न सका.
- आजाद ने कहा कि हम ये चाहते हैं कि ऑल पार्टी मीटिंग हो और एक ऑल पार्टी डेलीगेशन वहां पर जाए.