पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया सहित कई भारतीय राजनियकों की प्रतिष्ठित इस्लामाबाद क्लब की सदस्यता देने का नौ महीने से लंबित मामला सुलझ गया लगता है. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने इस पर रोक लगा रखी थी, लेकिन अब इमरान सरकार इसे मंजूरी देने की तैयारी कर रही है.
पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद से ही दोनों देश छोटे-छोटे मसलों पर अड़चनों को दूर करने की कोशिश में लगे हुए हैं. इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान द्वारा कई भारतीय राजनयिकों को प्रताड़ित करने की घटना के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास बढ़ गई थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, आखिरकार पाकिस्तान सरकार ने भारतीय राजनयिकों के इस्लामाबाद क्लब की मेंबरशिप के आवदेन को नो ऑब्जेशन सर्टिफिकेट (NOC) देने का मन बना लिया है. इसकी प्रक्रिया चल रही है.
दोनों देशों के बीच अभी कोई औपचारिक बातचीत नहीं हो रही है, ऐसे में इस तरह के छोटे-छोटे कदमों से ही रिश्तों में सुधार आ सकता है. पाकिस्तान के नवनियुक्त पीएम इमरान खान ने यह वादा भी किया था कि वह भारत के साथ सार्थक और रचनात्मक संपर्क रखेंगे.
गौरतलब है कि इस्लामाबाद क्लब पाकिस्तान की राजधानी में रहने वाले सभी विदेशी राजनयिकों के मिलने-जुलने की पसंदीदा जगह रही है. लेकिन भारतीय राजनयिकों को इस क्लब की सदस्यता से रोक कर उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है.
भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने इस्लामाबाद में तैनाती मिलने पर इस क्लब की सदस्यता के लिए आवेदन दिया था. नवंबर 2017 में उन्हें पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त बनाया गया था. पदभार संभालने के बाद दिसंबर में उन्होंने इस एलीट क्लब की सदस्यता के लिए आवेदन दे दिया था. लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी क्लब की ओर से न तो उनके आवेदन पर कोई विचार किया गया और न ही कोई जवाब दिया गया था.
पाकिस्तान ने दिल्ली के गोल्फ क्लब और जिमखाना क्लब में अपने राजनयिकों के लिए इसी तरह की सुविधाओं की मांग थी, लेकिन भारत ने साफ बता दिया था कि उक्त दोनों निजी क्लब हैं, इसलिए सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर सकती.