कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर की जनता की भागीदारी में मरहम लगाने और बातचीत करने की प्रक्रिया का भरपूर समर्थन करने की इच्छा रखती है.
सोनिया ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर हुई सर्वदलीय बैठक में कहा कि हम जानते हैं कि राज्य के भीतर और बाहर कुछ प्रतिकूल ताकतें हैं और हम इस बात को समझते हैं कि हमारी पुलिस और सुरक्षा बल अत्यधिक दबाव तथा खतरनाक परिस्थितियों में काम कर रहे हैं.
‘संघर्ष एवं क्रूरता’ के दौर में पली बढ़ी कश्मीरी युवा पीढ़ी के पीड़ा और क्रोध को कश्मीर की अशांति से जोड़ते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी उचित आकांक्षाओं का सम्मान किया जाना चाहिए तथा उनमें उम्मीद जगाने के लिए उदार रवैया अपनाया जाना चाहिए.
कश्मीर के बारे में आयोजित सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया ने विचार विमर्श और सभी को साथ लेकर चलने की भावना पर जोर दिया और कहा कि वैचारिक और राजनीतिक मतभेदों को भूला दिया जाना चाहिए क्योंकि ‘हम दृढ, संवेदनशील और उचित कारवाई की राह में उन मतभेदों को आने की इजाजत देने की बेहद गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं.’
सोनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जम्मू कश्मीर की जनता को मरहम लगाने और साझीदारी में बातचीत करने की प्रक्रिया का भरपूर समर्थन करने की इच्छुक है. उन्होंने राज्य में हो रही जनहानि पर गहरा दुख जताया.
{mospagebreak}सोनिया गांधी ने कहा कि कश्मीर में बढ़ रही हिंसा की पृष्ठभूमि में हम यहां मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि केवल बातों से काम नहीं चलेगा.
उन्होंने कहा, ‘आइये मिल जुलकर हम ऐसे उपयुक्त फैसले पर पहुंचे, जिसमें इस हिंसा के दुष्चक्र और परेशानियों को समाप्त करने के लिए सब सहमत हो सकें.’ जम्मू कश्मीर को अपने देश और लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा बताते हुए संप्रग अध्यक्ष ने कहा कि हमें अपने आप से यह पूछना चाहिए कि वहां इतना गुस्सा क्यों है. वहां इतनी पीड़ा क्यों है, खासकर युवाओं में.’
सोनिया ने कहा कि हमें युवा तथा हिंसा, संघर्ष एवं क्रूरता के दौर में पली बढी पीढी में खासतौर पर उम्मीद जगानी होगी. हमें उनकी उचित आकांक्षाओं को समझना होगा और उसका सम्मान करना होगा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम जो कहें और जो फैसला करें उनमें यह झलकना चाहिए. हमें अपने रूख में उदार और परिपक्व होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग हमारे लोग हैं और हमारे नागरिक हैं.
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि राज्य के भीतर और बाहर कुछ प्रतिकूल ताकतें हैं और हम इस बात को समझते हैं कि हमारी पुलिस और सुरक्षा बल देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने के लिए अत्यधिक दबाव तथा खतरनाक परिस्थितियों में काम कर रहे हैं.