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'मेक इन इंडिया' की अलख जगाने साउथ कोरिया जाएंगे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को अमली जाना पहनाने के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कमर कस ली है. इस मिशन को साकार करने के लिए रक्षा मंत्री अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए दक्षिण कोरिया का दौरा करेंगे. अप्रैल के दूसरे हफ्ते में होने वाले इस दौरे में उनके साथ रक्षा मंत्रालय का एक प्रतिनिधि‍ मंडल भी शामिल होगा.

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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान को अमली जाना पहनाने के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कमर कस ली है. इस मिशन को साकार करने के लिए रक्षा मंत्री अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए दक्षिण कोरिया का दौरा करेंगे. अप्रैल के दूसरे हफ्ते में होने वाले इस दौरे में उनके साथ रक्षा मंत्रालय का एक प्रतिनिधि‍ मंडल भी शामिल होगा.

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पर्रिकर को उनके कड़े फैसलों के लिए जाना जाता है. देश भर में उन्होंने सैन्य सुविधाओं के लिए कई दौरे किए हैं. लेकिन रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने अभी तक एक भी विदेशी दौरा नहीं किया है. सूत्रों का कहना है कि दक्षिण कोरिया का ये दौरा दो या तीन दिन का हो सकता है. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य संयुक्त विकास और कोरियाई सिक्‍योरिटी फर्मों के भारत में निर्माण करने पर होगा.

अधिकारियों ने कहा कि रक्षा मंत्री अपने समकक्ष और कोरियाई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात कर रक्षा उद्योग के स्वदेशीकरण के कोरियाई मॉडल की स्टडी करेंगे. इसके अलावा, द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को बढ़ाने पर भी चर्चा की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक भारतीय खेमा कोरियाई कंपनियों में शामिल परियोजनाओं और रक्षा से संबंधित उपकरणों के उत्पादन पर चर्चा करेगा. इसके अलावा इस दौरे पर विमान ट्रेनर के साथ नेवी के लिए छह नए माइनस्वीपर की खरीद पर भी चर्चा होने की संभावना है. कोरियाई माइनस्वीपर अपने श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

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कोरिया से मदद मिलने के बाद जहाजों को गोवा शिपयार्ड में बनाया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक भारत भी कोरियाई टी 50 गोल्डन ईगल लड़ाकू विमान प्रोग्राम की स्टडी करना चाहता है. वहीं कोरियाई कंपनियां भी भारतीय सेना में नई तोपों के लिए कई उपक्रमों में भाग ले रही हैं. माना ये भी जा रहा है कि जिस तरह से भारत और टोक्यो एक साथ मिलकर काम रहे है, अब कोरिया भी भारत और अमेरिका के साथ एक त्रिपक्षीय संधि करना चाहता हैं.

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