केंद्रीय मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने आज आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा यमुना किनारे आयोजित किए जा रहे वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल का समर्थन किया और इस आयोजन से जुड़े विवादों को खारिज करते हुए कहा कि इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि फिलहाल भारतीय और हिंदुओं की आलोचना का फैशन चल रहा है.
नायडू ने कहा कि यह कार्यक्रम सांस्कृतिक विविधताओं का उत्सव है और यह ‘भारत को प्रसिद्धि दिलाएगा.’ उन्होंने सेना द्वारा पीपे के पुल बनाए जाने को लेकर की जा रही आलोचना पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पिछली सरकारों के दौरान ऐसे कई उदाहरण है जब कुंभ जैसे भारी जनसम्मेलन वाले आयोजनों में सेना की मदद ली गई.
सेना पहले भी कर चुकी है ऐसा काम
नायडू ने ट्वीट किया, 'सेना द्वारा पीपे के पुल बनाए जाने को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है. कुंभ मेला, नासिक में संक्रांति जैसे कई उदाहरण हैं जैसे जहां सेना ने ऐसा ही कार्य किया है.' उन्होंने कहा कि इसमें एक ही कार्यक्रम में 36,000 कलाकार प्रस्तुति दे रहे हैं और यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
Unnecessary fuss abt army building pontoon bridge.In earlier regimes,several instances like Kumbh Mela,Sankranti in Nashik,Army did the same
— M Venkaiah Naidu (@MVenkaiahNaidu) March 11, 2016
AOL को देना होगा पांच करोड़ रुपये का जुर्माना
तीन दिन तक चलने वाला यह उत्सव आज से शुरू हो रहा है. यह आयोजन उस समय विवादों से घिर गया जब पर्यावरणविदों ने यह आरोप लगाया कि इस आयोजन से यमुना प्रभावित होगी और इसलिए इस पर रोक लगाई जानी चाहिए. राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने आर्ट ऑफ लिविंग के इस कार्यक्रम को करने की अनुमति दे दी थी लेकिन उस पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था.