संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सांसदों पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत अन्ना हज़ारे पक्ष अगले दो महीने के भीतर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में जनलोकपाल के मुद्दे पर सर्वेक्षण के रूप में ‘जनमत संग्रह’ करायेगा.
इस कवायद में उत्तर प्रदेश के रायबरेली, अमेठी, वाराणसी, गाजियाबाद, लखनउ, अम्बेडकर नगर और मैनपुरी तथा उत्तराखंड के देहरादून और हरिद्वार जैसे शहरों को शामिल करने की योजना है. रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अमेठी कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का निर्वाचन क्षेत्र है.
हज़ारे पक्ष ने जुलाई में केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के दिल्ली स्थित चांदनी चौक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में भी जनलोकपाल के मुद्दे पर इसी तरह का सर्वेक्षण कराया था. तब दावा किया गया था कि क्षेत्र के 95 फीसदी लोग हज़ारे के जनलोकपाल मसौदा विधेयक के पक्ष में हैं.
हज़ारे के साथी कार्यकर्ता मनीष सिसौदिया ने बताया, ‘संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले का वक्त हमारे लिये महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही स्थायी समिति भी इस अवधि के दौरान विभिन्न पक्षों के विचार सुनेगी और अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी.’ उन्होंने कहा कि इन सर्वेक्षणों में जनता से सीधा सवाल किया जायेगा कि क्या उनके क्षेत्र के जनप्रतिनिधि को हज़ारे के जनलोकपाल का समर्थन करना चाहिये.
हज़ारे पक्ष का जनलोकपाल के मुद्दे पर यह सर्वेक्षण उत्तर प्रदेश के शहरों के अलावा दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद और उत्तराखंड के देहरादून और हरिद्वार में भी हो सकता है. उत्तर प्रदेश में इन सर्वेक्षणों की कमान हज़ारे के आंदोलन ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ की राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य संजय सिंह संभालेंगे.
हज़ारे पक्ष के सदस्य इन सर्वेक्षणों में सीधे तौर पर शामिल नहीं रहेंगे. लोकपाल के मुद्दे पर हज़ारे के हालिया आंदोलन से जुड़े लोग यह सर्वेक्षण करायेंगे. लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही संसद की स्थायी समिति के सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्रों में भी यह कवायद शुरुआती सर्वेक्षणों की सफलता के आधार पर की जायेगी.
क्या यह सर्वेक्षण सिब्बल के निर्वाचन क्षेत्र में हुई कवायद की तरह रहेगा, सिसौदिया ने बताया कि जनता से पूछे जाने वाले सवालों के लिहाज से यह अपेक्षाकृत छोटा रहेगा.
उन्होंने कहा कि इसमें दो सीधे सवाल जनता से किये जायेंगे. पहला, क्या आपके क्षेत्र के जनप्रतिनिधि को हज़ारे के जनलोकपाल का समर्थन करना चाहिये और दूसरा, अगर जनप्रतिनिधि समर्थन नहीं करते हैं तो क्या आप आगामी चुनाव में उन्हें वोट देंगे.
इस बीच, लोकपाल के मुद्दे पर पिछले महीने रामलीला मैदान पर हुए हज़ारे के अनशन के दौरान हासिल हुई दानराशि और खर्च का ऑडिट कराने का काम भी चल रहा है.
हज़ारे के आंदोलन ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ की प्रवक्ता अश्वती मुरलीधरन के अनुसार, ऑडिटरों का दल जनवरी से अगस्त तक की अवधि का ऑडिट कर रहा है.