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नोएडा में डेडलॉक की वजह से 200 मोबाइल टावर्स अभी भी बंद

नोएडा में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी में ब्रेकडाउन अभी भी जारी है. लगातार 3 दिन हो चुके हैं जब करीब 200 सेलफोन टॉवर्स बंद पड़े हैं और बैकअप पर चल रही 300 दूसरे टॉवर्स भी सोमवार को बंद होने की ही कागार पर नजर आए.

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नोएडा में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी में ब्रेकडाउन अभी भी जारी है. लगातार 3 दिन हो चुके हैं जब करीब 200 सेलफोन टॉवर्स बंद पड़े हैं और बैकअप पर चल रही 300 दूसरे टॉवर्स भी सोमवार को बंद होने की ही कागार पर नजर आए. शहर की करीब 500 मोबाइल फोन टॉवर्स पर संकट तब मंडराया जब यहां के रेसिडेंट्स टावर एसोसिएशन ने टॉवर्स की पॉवर सप्लाई बंद कर दी. रेसिडेंट्स टावर एसोसिएशन (आरटीए) उन लोगों का समूह है जिन्होंने अपने घर में मोबाइल टॉवर लगाने के लिए मोबाइल कंपनियों को जगह किराए पर दी है.

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टॉवर्स के आसपास रह रहे लोगों की लगातार शिकायतों के बाद नोएडा अथॉरिटी ने सभी मोबाइल कंपनियों को अपने टॉवर्स को रिहायशी इलाकों से हटाने का आदेश दिया था. अथॉरिटी ने सोमवार को कहा कि वो 2 हफ्ते तक नोटिस पर कार्यवाही नहीं करेगी, लेकिन आरटीए ने साफ तौर पर संदेश दिया है कि जब तक सारी टॉवर्स नहीं हटाई जाएंगी वो भी पीछे नहीं हटेंगे. नोएडा अथॉरिटी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इसी हफ्ते स्टेकहोल्डर्स के साथ एक मीटिंग की जाएगी ताकि इस समस्या का समाधान निकाला जा सके.

इस सब के बीच लोगों को कनेक्टिविटी प्रॉब्लम से भी जूझना पड़ रहा है. शनिवार से शुरू हुई इस दिक्कत के चलते लोगों को मोबाइल फोन से कॉल करने और इंटरनेट यूज करने में काफी परेशानी हो रही है. लेकिन आरटीए टस से मस नहीं हो रही है. आरटीए चीफ सतीश बत्रा ने कहा, 'जब तक नोएडा अथॉरिटी लीज डीड को कैंसिल करने के नोटिस वापस नहीं लेती है, हम मोबाइल टॉवर्स को पॉवर सप्लाई नहीं करेंगे. यह 2 हफ्ते का दंड-विराम मोबाइल कंपनियों के लिए है, हमारे लिए नहीं.'

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