scorecardresearch
 

फूड बिल पर बोले मोदी, कहा गरीबों की थाली से रोटी छीनने वाले कानून का हो विरोध

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट खाद्य सुरक्षा बिल पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर जोरदार हमला बोला है. मोदी ने आरोप लगाया है कि यह गरीबों से अन्न छीनने वाला बिल है. इससे पिछड़े लोगों को फायदा नहीं होने वाले है. सच तो यह है कि इसके जरिए सरकार गरीबों की थाली का भोजन छीन रही है.

Advertisement
X
नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट खाद्य सुरक्षा बिल पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर जोरदार हमला बोला है. मोदी ने आरोप लगाया है कि यह गरीबों से अन्न छीनने वाला बिल है. इससे पिछड़े लोगों को फायदा नहीं होने वाले है. सच तो यह है कि इसके जरिए सरकार गरीबों की थाली का भोजन छीन रही है.

Advertisement

गौरतलब है कि इससे पहले नरेंद्र मोदी ने सोमवार को खाद्य सुरक्षा बिल के मौजूदा प्रारूप पर एतराज जताते हुए प्रधानमंत्री को चिठ्ठी भी लिखी थी. मोदी ने पीएम से इस मुद्दे पर सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने की अपील की थी.

मंगलवार को मनमोहन सिंह पर हमलावार रुख अपनाते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अगर यह बिल लागू होता है तो गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को 10 किलो कम अनाज मिलेगा. यानी वे बाजार से महीने का राशन खरीदने के लिए मजबूर हो जाएंगे जिसका असर उनके सालाना बजट पड़ेगा तो यह बिल गरीबों के हक मे कैसे हुआ?'

नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इस बिल की खामियों को लेकर मैंने पीएम को चिट्ठी लिखी थी. पर ऐसा लगता है कि इस मुद्दे पर सरकार का रवैया ही ढीला है. सरकार के मंत्री बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, पर हकीकत कुछ और ही है. पहले बीपीएल परिवारों को 35 किलो अनाज मिलता था. पर इस बिल के अनुसार 5 लोगों के परिवार को मासिक तौर पर सिर्फ 25 किलो अनाज मिलेगा.'

Advertisement

नरेंद्र मोदी ने कहा, 'केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलानी चाहिए. क्योंकि इस बिल के अनुसार गरीबों में अनाज बांटने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी. ऐसे में अनाज कहां से आयेगा, उसके लिए पैसा कौन देगा. किस मॉडल पर आधारित होगा यह बिल. पहले से कई राज्यों में ऐसी योजनाएं लागू हैं. इन सब बिंदुओं पर स्पष्टता होनी चाहिए.'

उन्होंने यूपीए को चेतावनी देते हुए कहा, 'सरकार के लिए बेहतर होगा कि वो जितनी जल्दी हो सके गरीबों की जरूरत को समझे.'

Advertisement
Advertisement