फरवरी की सात तारीख को जब दिल्ली की जनता विधानसभा चुनाव के लिए वोट कर होगी, बीजेपी की निगाहें एक दूसरे चुनाव पर भी होगी. सात फरवरी को जम्मू कश्मीर से राज्य सभा के लिए चुनाव होंगे, जहां से बीजेपी को दो सीटें मिल सकती हैं.
पिछले संसद सत्र के बाद से 6 अध्यादेश ला चुकी मोदी सरकार राज्य सभा में विपक्ष की बाधाओं में फंसी हुई हैं. लिहाजा भगवा पार्टी के लिए राज्य सभा में एक-एक सीट मायने रखती है. हालांकि राज्यसभा की लड़ाई में बीजेपी के लिए जीत अभी बहुत दूर हैं. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने इस आशय की खबर प्रकाशित की है.
आज से और मई 2019 के बीच, जब मोदी सरकार का कार्यकाल समाप्त होगा. एनडीए सरकार सिर्फ 100 सीटों की लक्ष्मण रेखा के पार होगी. हालांकि यह पार्टी के लिए सबसे अच्छी स्थिति में होगा. फिर भी पार्टी राज्यसभा में आधी सीटों पर कब्जा करने से भी बहुत दूर होगी.
दूसरी ओर 2019 तक कांग्रेस को 20 सीटों से ज्यादा का नुकसान हो सकता है, जबकि उसके साथी दल जेडीयू, लेफ्ट पार्टियां सहित दूसरे दलों को आधा दर्जन सीटों का नुकसान हो सकता है. हालांकि विपक्षी दल राज्य सभा में बीजेपी को मई 2019 तक कड़ी टक्कर देंगे, जब मोदी सरकार का कार्यकाल समाप्त होगा.
243 सदस्यों के राज्य सभा में विपक्ष के पास कम से कम 132 सीटें हैं. इसमें कांग्रेस के पास 69, समाजवादी पार्टी के पास 15, तृणमूल कांग्रेस के पास 12, जेडीयू के पास 12, सीपीएम के पास 9, एनसीपी के पास 6, सीपीआई के पास 2, नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 2, आरजेडी के पास 1, जेडीएस के पास 1, जेएमएम के पास 1, केरल कांग्रेस-एम के पास 1 और आईएनएलडी के पास 1 सीट है.
इनके अलावा सदन के पास 12 नामांकित सदस्य है, जिनको मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में चुना गया था. हालांकि सत्ता दल के मुकाबले विपक्ष ने इनको किनारे लगा दिया है.
राज्य सभा में बीजेपी के पास 45 सीटें हैं, जबकि शिवसेना के पास 3, अकाली दल के पास 3, टीडीपी के पास 6, आरपीआई अठावले के पास 1, ऑल इंडिया एन रंगास्वामी कांग्रेस के पास 1 और नगालैंड पीपुल्स फ्रंट की 1 सीट को मिलाकर कुल संख्या 60 तक पहुंचती है.
उधर, 42 सांसदों में से एआईएडीएमके के पास 11, बीएसपी के 10, बीजेडी के 7, डीएमके के 4 और स्वतंत्र सांसदों की संख्या (7) हैं. इसके अलावा तेलंगाना राष्ट्र समिति के पास 1 सीट, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के पास 1 और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के पास 1 सीट हैं. जो किसी भी ओर जा सकते हैं.
इस साल राज्य सभा में केवल 10 सीटें खाली होगी. एक सीट मुरली देवड़ा की मौत के बाद भी खाली हुई है. हालांकि 2016 के मध्य में राज्य सभा की 75 सीटें खाली होगी. इसके बाद 2017 में 10 सीटें खाली होंगी, जबकि 2018 में एक बार फिर 68 सीटों के लिए नए सदस्य चुने जाएंगे.
इसके अलावा अगर बीजेपी बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सत्ता में आती है, तो पार्टी मौजूदा सरकार का कार्यकाल खत्म होने तक राज्यसभा में 70 सीटों की स्थिति में पहुंच जाएगी.