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विदेश में कालाधन रखने वालों की धर पकड़ 30 सितंबर के बाद होगी तेज : सीबीडीटी प्रमुख

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) प्रमुख ने चेतावनी दी है कि विदेशों में कालाधन रखने वाले यदि समय रहते विभाग के समक्ष उसका विवरण प्रस्तुत नहीं करते तो उनको सभी कानूनी परिणाम झेलने होंगे और कर अधिकारी उनका पीछा करेंगे.

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केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) प्रमुख ने चेतावनी दी है कि विदेशों में कालाधन रखने वाले यदि समय रहते विभाग के समक्ष उसका विवरण प्रस्तुत नहीं करते तो उनको सभी कानूनी परिणाम झेलने होंगे और कर अधिकारी उनका पीछा करेंगे. गौर तलब है कि एक नये कानून के तहत ऐसे लोगों को अपनी विदेशों में पड़ी धन सम्पत्ति का विवरण सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए तीन माह का समय दिया गया है जिसकी सीमा 30 सितंबर को समाप्त हो रही है.

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30 सितंबर को समाप्त हो रही 90 दिन की अनुपालन अवधि में विदेशों में जमा अघोषित धन सम्पत्ति की जानकारी देने वाले को किसी तरह से प्रताड़ित नहीं करने और सूचना की गोपनीयता का प्रावधान किया गया है. इस सुविधा के तहत 30 सितंबर तक जानकारी देने और उसके बाद उस पर कर और जुर्माना (30 प्रतिशत कर और इतना ही जुर्माना) भरने के लिए तीन महीने का समय और दिया गया है.

सीबीडीटी की चेयरपर्सन अनिता कपूर ने 'कल यदि पता चलता है कि कुछ गलत है और कालाधन रखने वाले व्यक्ति ने कर-रिटर्न में जानकारी नहीं दी है, तो फिर इसकी पूरी जवाबदेही संबंधित व्यक्ति पर होगी. यदि आप एकबारगी घोषणा सुविधा का इस्तेमाल नहीं करते हैं तब हम यह मान लेंगे कि आप जानबूझकर अपनी विदेश संपत्ति को छुपा रहे हैं. जब आप कानून को नजरंदाज करेंगे तो फिर कानून के परिणाम भी आपको भुगतने पड़ेंगे.' सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि आयकर विभाग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तर पर अपने सूचना तंत्र को मजबूत बना रहा है ताकि वह ऐसे लोगों को पकड़ने में सक्षम हो सके जो देश की कर अनुपालन संस्कृति को बिगाड़ रहे हैं.

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अनिता कपूर ने इन आरोपों से इनकार किया कि विदेशों में जमा भारतीयों की बेहिसाब धन सम्पत्ति पर नये कानून के तहत लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अभी तो कानून को पूरी तरह लागू होना है, जबकि इसके तहत अवैध धन-संपत्ति की घोषणा करने वाले की सूचना को पूरी तरह गोपनीय रखने और उनके खिलाफ आगे किसी तरह की जांच नहीं करने का प्रावधान भी इसमें शामिल किया गया है.

उन्होंने कहा, 'कालाधन कानून अभी पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है. यह 30 सितंबर के बाद ही पूरे प्रभाव से लागू होगा. कुछ निहित स्वार्थी तत्व हो सकते हैं जो कि कानून के तहत प्रताड़ित किये जाने की बातें फैला रहे हैं और माहौल खराब करना चाहते हैं ताकि मेरे कर अधिकारी कर अपराध करने वालों को पकड़ने से हिचकें.'

-इनपुट भाषा

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