उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रमुख सचिव रहे नेतराम के लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता समेत देश भर के करीब आधा दर्जन जगहों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की. इसमें 250 करोड़ रूपये से ज्यादा की संपत्ति के सबूत मिले हैं. इसके अलावा 50 लाख रुपये की कीमत का पेन, 2 करोड़ की नकदी और कई बैकों के खातों को आयकर ने सीज किया है.
आयकर विभाग को नेतराम के करीबियों समेत कई अन्य लोगों के ठिकानों से बेनामी संपत्ति और पैसों के लेनदेन के कई सबूत मिले. आयकर विभाग की छापेमारी का सिलसिला बुधवार रात तक चलता रहा. आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक नेतराम के खिलाफ मिली एक शिकायत के आधार पर यह छापेमारी की गई थी. इसमें जो दस्तावेज मिले हैं उनसे साफ हो गया है कि नेतराम ने अलग-अलग जगहों पर तैनाती के दौरान और सीएम मायावती का प्रमुख सचिव रहते हुए गैरकानूनी तरीके से अकूत दौलत इकट्ठा की.
इतना ही नहीं नेतराम ने अपने अलग-अलग रिश्तेदारों के नाम से कम्पनियों में निवेश भी किया था. बाद में इन रिश्तेदारों से कम्पनियां अपने नाम पर ट्रांसफर कराकर काले धन को सफेद किया करते थे. नेतराम की इस काली कमाई के पीछे मायावती का हाथ भी माना जा रहा है. आयकर विभाग के छापे के बाद नेतराम के घर से लखनऊ समेत देश के कई राज्यों में संपत्ति होने के सबूत मिले हैं. इसके साथ दो दर्जन से ज्यादा शेल कम्पनियों के जरिए काले धन को सफेद करने के दस्तावेज, करीबी रिश्तेदारों और परिचितों के नाम पर जमा की गई करोड़ों की बेनामी संपत्ति, 50 लाख रुपये की कीमत का पेन, दो करोड़ की नकदी और कई बैकों के खातों को आयकर ने सीज किया है.
आयकर विभाग ने जब छापेमारी की तो संदेश गया कि सियासी दाव पेंच के चलते केंद्र सरकार मायावती के करीबियों को निशाना बना रही है लेकिन मामला जल्द ही साफ हो गया. ये उससे भी कहीं आगे, अफसरों के अकूत भ्रष्टाचार में डूबे रहने का मामला निकला.
नेतराम उत्तर प्रदेश कैडर के 1979 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. साल 2003-2005 के दौरान वह उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री के सचिव थे. नेतराम उत्तर प्रदेश में आबकारी, गन्ना उद्योग, डाक-पंजीकरण, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभागों के प्रमुख रह चुके हैं.