पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आज छपरा की एक अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया जिसके बाद उन्हें जमानत दे दी गयी.
छपरा के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी जोगेश नारायण सिंह ने इस मामले में राबडी द्वारा अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किये जाने पर आज उन्हें जमानत दे दी.
उल्लेखनीय है गत लोकसभा चुनाव के दौरान छपरा संसदीय क्षेत्र में अपने पति और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पक्ष में 4 अप्रैल 2009 को भेल्दी थाना अंतर्गत रायपुरा उच्च विद्यालय में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राबडी ने नीतीश और ललन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी और उन्हें एक-दूसरे का साला बताया था.
अमनौर प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी संदीप शेखर प्रियदर्शी ने इस मामले में राबडी के खिलाफ भेल्दी थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी. राबडी ने इस मामले में अग्रिम जमानत दिए जाने के लिए 9 दिसंबर 2009 को छपरा के जिला एवं सत्र न्यायधीश की अदालत में एक याचिका दायर की थी.
बाद में इस मामले के सुपरविजन के दौरान छपरा के पुलिस अधीक्षक ने मामले को सही पाया था और पुलिस ने अदालत से राबडी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए जाने की गुहार लगायी थी.
सारण जिला मुख्यालय छपरा स्थित व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी योगेश नारायण ने इस मामले में अग्रिम जमानत पाने के लिए दायर की गयी राबडी की याचिका को गत छह मई को खारिज करते हुए उनके खिलाफ वारंट जारी किए जाने का निर्देश दिया था और मामले की अगली सुनवाई आज यानी 18 जून को होनी थी.