विश्व के एक-तिहाई गरीब भारत में हैं, जो रोजाना 1.25 डालर (करीब 65 रुपये) से कम में जीवन-यापन करते हैं. विश्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में 1.2 अरब लोग अभी भी बेहद गरीबी की परिस्थिति में पड़े हैं.
‘विश्व विकास संकेतक’ रिपोर्ट के आंकड़ों के आधार पर तैयार ‘गरीबों की स्थिति: कहां हैं गरीब, कहां हैं सबसे गरीब’ शीषर्क में कहा गया कि 1981 से 2010 के बीच हर विकासशील क्षेत्र में अत्यधिक गरीब आबादी का अनुपात कम हुआ. इस दौरान इन क्षेत्रों में गरीबी का अनुपात 50 फीसद से घटकर 21 फीसद पर आ गया.
विकासशील देशों की जनसंख्या में इस दौरान 59 फीसद की बढ़ोतरी के बावजूद गरीबी का अनुपात कम हुआ है.
हालांकि विश्व बैंक द्वारा जारी अत्यधिक गरीबी के नए विश्लेषण के मुताबिक अब भी 1.2 अरब लोग बेहद गरीबी में जीवन निर्वाह कर रहे हैं और हाल के वर्ष में अच्छी प्रगति करने के बावजूद उप-सहारा अफ्रीकी क्षेत्र अब भी विश्व की एक तिहाई से अधिक गरीबों का घर है.
विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा, ‘हमने विकासशील दुनिया में रोजाना 1.25 डॉलर से कम आय पर जीने वाले लोगों की संख्या कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है, पर अब भी 1.2 अरब लोगों का गरीबी में रहना हमारी सामूहिक चेतना पर कलंक है.’
उन्होंने कहा, ‘ये आंकड़े अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गरीबी के खिलाफ लड़ाई तेज करने के संकल्प का ठोस आधार बन सकते हैं. हमारा विश्लेषण और हमारी सलाह 2030 तक दुनिया से बेहद गरीबी की स्थिति खत्म कर सकती है.’
विश्व बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने कहा, ‘हमने गरीबी खत्म करने की कोशिश की है लेकिन इतना काफी नहीं है क्योंकि करीब विश्व की आबादी का पांचवां हिस्सा अभी भी गरीबी रेखा से नीचे है.’