पाकिस्तान के धर्मगुरु मोहम्मद ताहिर-उल-कादरी ने बर्बर आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ रविवार को कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि आईएस जो कर रहा है, वो जिहाद नहीं बल्कि फसाद है. यही नहीं, उन्होंने भारत और पाकिस्तान के रहनुमाओं से पूछा कि आखिर कब तक दोनों मुल्क एक-दूसरे से दुश्मनी निभाएंगे? कादरी ने आतंकवाद को दोनों देशों को असली दुश्मन बताया.
India & Pak are not enemies, their real enemy is terrorism- Muhammad Tahir-ul-Qadri, Pak politician &Islamic scholar pic.twitter.com/KIx3XMrFr5
— ANI (@ANI_news) March 20, 2016
इस्लाम के नाम पर अलगाववाद
ताहिर-उल-कादरी ने ये बातें रविवार को नई दिल्ली में चल रहे विश्व सूफी सम्मेलन में कहीं. कादरी ने कहा कि संकीर्ण मानसिकता वाले लोग पिछले 50-60 वर्षों से इस्लाम के नाम पर अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने नेताओं से भी सवाल किया कि आखिर कब तक वो एक-दूसरे के साथ दुश्मनी निभाते रहेंगे.
For 50-60 years now in name of Islam, separatism is been promoted by narrow minded people- Muhammad Tahir-ul-Qadri pic.twitter.com/Lem6wJ88ht
— ANI (@ANI_news) March 20, 2016
सूफीवाद से आतंकवाद पर लगेगी लगाम
धर्मगुरु ने कहा कि भारत और पाकिस्तान में आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सूफिवाद पढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर कोई सूफीवाद को सही तरीके से पढ़े, तो उसे समझ आएगा कि जो आईएसआईएस कर रहा है, वो जिहाद नहीं फसाद है.'
If one studies Sufism properly, they will understand that what ISIS is doing is not 'Jihad' but 'Fasaad'- Muhammad Tahir-ul-Qadri
— ANI (@ANI_news) March 20, 2016
न हो बच्चों को ब्रेनवॉश
उन्होंने कहा कि दोनों देशों को स्कूलों, कॉलेजों, यूनिवर्सिटी, मदरसों और अन्य धार्मिक संस्थानों के पाठ्यक्रमों में सूफीवाद को शामिल करना चाहिए जिससे धार्मिक कट्टरता को काटा जा सके और आतंकवाद को काबू करने में मदद मिल सके. कादरी ने कहा कि सूफीवाद पढ़ाए जाने से असामाजिक तत्व युवाओं का न ही ब्रेनवॉश कर पाएंगे और न ही उन्हें हथियार उठाने के लिए प्रेरित कर पाएंगे.