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रक्षा मंत्री पर्रिकर ने DIG के बयान का किया खंडन, बोले- हम अपने पुराने बयान पर कायम

31 दिसंबर को पोरबंदर के पास संदिग्ध पाकिस्तानी बोट ब्लास्ट मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. डीआईजी कोस्ट गार्ड बीके लोशाली ने बताया है कि उनके आदेश पर ही नाव में ब्लास्ट किया गया. यानी उस संदिग्ध बोट को खुद उस पर सवार तथाकथित 'पाकिस्तानी आतंकियों' ने नहीं, बल्कि भारत ने उड़ाया था.

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संदिग्ध बोट (फाइल फोटो)
संदिग्ध बोट (फाइल फोटो)

31 दिसंबर को पोरबंदर के पास संदिग्ध पाकिस्तानी बोट ब्लास्ट मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. डीआईजी कोस्ट गार्ड बीके लोशाली ने बताया है कि उनके आदेश पर ही नाव में ब्लास्ट किया गया. यानी उस संदिग्ध बोट को खुद उस पर सवार तथाकथित 'पाकिस्तानी आतंकियों' ने नहीं, बल्कि भारत ने उड़ाया था. उधर,डीआईजी ने इस खबर को पूरी तरह बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से ऐसे कोई आदेश नहीं दिए गए थे. उधर, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि हम अपने पुराने बयान पर कायम हैं. हम आरोपों की जांच करवाएंगे.

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सामने आया वीडियो
भले ही डीआईजी लोशाली ने अखबार की रिपोर्ट को तथ्यों से परे बताया, लेकिन अपनी खबर पर कायम रहते हुए अंग्रेजी अखबार ने फौरन उनके कार्यक्रम का वीडियो इंटरनेट पर अपलोड कर सबूत पेश कर दिया.

अभी तक इस मामले पर कोस्ट गार्ड और रक्षा मंत्रालय से लेकर खुद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की ओर से जो थ्योरी पेश की जा रही थी उसके मुताबिक बोट पर सवार संदिग्ध आतंकियों ने सबूत मिटाने के लिए खुद बोट में आग लगाई थी. पर्रिकर ने तो मीडिया के बीच यह संभावना भी जताई थी कि शायद बोट पर सवार तथाकथित आतंकियों ने साइनाइड पिल खाई थी और उसके बाद बोट को आग लगा दी. बाद में यह खबर भी सामने आई कि ब्लास्ट के कई दिनों तक बोट से सिग्नल मिलते रहे.

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'नाव में आग लगा दो...हम उन्हें बिरयानी नहीं परोसना चाहते'
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक डीआईजी लोशाल ने कहा, 'आपको 31 दिसंबर की रात याद होगी...मैं उस दिन गांधीनगर में था और मैंने उस रात आदेश देते हुए कहा था, नाव में आग लगा दो...हम उन्हें बिरयानी नहीं परोसना चाहते.' लोशाल ने यह खुलासा सूरत में कोस्ट गार्ड इंटरसेप्टर बोट ICGS C-421 के लॉन्च के दौरान किया.

इस कार्यक्रम में कोस्ट गार्ड डीआईजी सुधीर सैनी और डिप्टी कमांडेंट जी सेठी मौजूद थे. डीआईजी लोशाली चीफ ऑफ स्टाफ कोस्ट गार्ड (नॉर्थ-वेस्ट) की जिम्मेदारी निभाते हैं.

DIG का इंकार, कहा अखबार की रिपोर्ट झूठी
कोस्ट गार्ड डीआईजी बीके लोशाली ने इन खबरों को झूठा करार देते हुए कहा है कि उन्होंने बोट उड़ाने के कोई आदेश नहीं दिए थे.


लोशाली की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि अखबार की रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित नहीं है. उन्होंने कहा, 'कार्यक्रम के दौरान मैंने कहा था कि राष्ट्रविरोधी तत्वों को बिरयानी खिलाने की जरूरत नहीं, उनपर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.' चिट्ठी के मुताबिक उस ऑपरेशन को लोशाली नहीं बल्कि कोस्ट गार्ड कमांडर (नॉर्थ-वेस्ट) संभाल रहे थे.

हम अपने बयान पर कायम हैं: पर्रिकर
बोट केस में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि हम अपने पूर्व में दिए गए बयान पर कायम हैं. कोस्ट गार्ड डीआईजी ने खबर का खंडन कर दिया है. हम इसकी जांच करवाएंगे और यदि कुछ गलत पाया गया तो हम कार्रवाई करने से भी नहीं चूकेंगे. डीआईजी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत भी पर्रिकर ने दिए.

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