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अमेरिका में हेडली से सीधे पूछताछ कर सकता है भारत: अमेरिका

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमेन हेडली द्वारा यहां की एक अदालत में, मुंबई हमलों में संलिप्तता की बात स्वीकार किए जाने के बाद अब उससे भारतीय जांचकर्ता सीधे पूछताछ कर सकते हैं.

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पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमेन हेडली द्वारा यहां की एक अदालत में, मुंबई हमलों में संलिप्तता की बात स्वीकार किए जाने के बाद अब उससे भारतीय जांचकर्ता सीधे पूछताछ कर सकते हैं.

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हेडली के दोष स्वीकार करने संबंधी समझौते के अनुसार, उसे भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा. हेडली को एफबीआई ने अक्‍टूबर 2009 में गिरफ्तार किया था. अभी तक अमेरिका ने भारत को हेडली से पूछताछ करने की अनुमति नहीं दी थी. लेकिन अब उसका कहना है कि हेडली इस प्रक्रिया में पूरी तरह और विश्वसनीय तरीके से सहयोग करने के लिए तैयार है, किंतु यह पूछताछ अमेरिका में ही होगी.

हेडली पर पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तय्यबा की ओर से मुंबई में 26 नवंबर 2008 को किए गए आतंकी हमले की साजिश रचने तथा डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की साजिश रचने का आरोप है. उसने अपने उपर लगाए गए सभी आरोपों में, गुरुवार रात एक अमेरिकी अदालत में अपना दोष स्वीकार कर लिया. दोष स्वीकार करने संबंधी समझौते के तहत उसे मृत्युदंड नहीं बल्कि उम्र कैद की सजा दी जाएगी. उसे अमेरिका से बाहर प्रत्यर्पित भी नहीं किया जाएगा.

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अमेरिका के न्याय विभाग ने एक बयान में कहा है ‘अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय का जब भी आदेश मिलेगा, हेडली राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी सूचनाएं जुटाने में या खुफिया जानकारी एकत्र करने के उद्देश्य में पूरी तरह और विश्वसनीय तरीके से मदद करेगा.’ शिकागो निवासी हेडली ने अपने उपर लगाए गए सभी 12 आरोपों में जब अपना दोष स्वीकार किया, उसके तत्काल बाद जारी किए गए एक बयान में कहा गया ‘हेडली इस बात पर सहमत है कि अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय से आदेश मिलने पर वह, अमेरिका में होने वाली किसी भी विदेशी सुनवाई में गवाही देगा अथवा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से या अपील पत्र के जरिये पूरी तरह और विश्वसनीय तरीके से सहयोग करेगा.’ {mospagebreak}

हेडली के वकील जॉन थीज़ ने अमेरिकी जिला जज हैरी लाइनेनवेबर के समक्ष करीब 30 मिनट से अधिक समय तक हुई सुनवाई के बाद संवाददाताओं को बताया कि समझौते के तहत, उसके मुवक्किल ने इस बात पर सहमति जाहिर कर दी है कि विदेशी सरकारें अमेरिका में उससे पूछताछ कर सकती हैं. भारत भी हेडली से सीधी पूछताछ के लिए अमेरिका से संपर्क कर सकता है. गौरतलब है कि भारत ने हेडली को अधिकतम सजा के तौर मृत्युदंड देने की मांग की थी.

हेडली ने स्वीकार किया है कि उसने पाकिस्तान के आतंकवाद प्रशिक्षण शिविरों में प्रशिक्षण लिया था. उसकी यह स्वीकारोक्ति इस्लामाबाद के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है क्योंकि इस्लामाबाद अब तक अपने यहां ऐसे शिविरों की मौजूदगी से इंकार करता रहा है. हेडली के खिलाफ 14 जनवरी को आरोपपत्र दाखिल किया गया था जिसमें उस पर 12 आरोप लगाये गए थे. लश्कर ए तय्यबा के सदस्य हेडली ने खुद को बेकसूर बताया था. लेकिन दो दिन पहले उसने अपना बयान बदलने की इच्छा जताई.

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शिकागो निवासी हेडली पर भारत में सार्वजनिक स्थानों पर बम विस्फोट करने का षड्यंत्र रचने, प्रख्यात व्यक्तियों की हत्या करने और विदेशी आतंकी साजिशों तथा लश्कर ए तय्यबा को सहयोग देने का षड्यंत्र रचने सहित छह आरोप हैं. इसके अलावा, छह आरोप भारत में अमेरिकी नागरिकों की हत्या करने के लिए उकसाने और उसके लिए सहायता करने के हैं. इन आरोपों में अगर उसे दोषी ठहराया जाता है तो उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई जा सकती है. {mospagebreak}

पाकिस्तान के एक पूर्व कूटनीतिक और फिलाडेल्फिया की एक सोशलाइट के पुत्र हेडली ने गुरुवार को सभी 12 आरोपों में अपना दोष स्वीकार कर लिया. मामले की सुनवाई करीब आधे घंटे तक चली. एफबीआई ने शिकागो निवासी 49 वर्षीय हेडली को पिछले साल तीन अक्‍टूबर को गिरफ्तार किया था. दोष स्वीकार करने संबंधी समझौते के अनुसार, हेडली को भारत, पाकिस्तान या डेनमार्क प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता.

दोष स्वीकार करने संबंधी समझौता 35 पृष्ठों का है जिसमें उसने अपने उपर लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया. हेडली के अर्टानी जॉन थीज ने सुनवाई के बाद संवाददाताओं से कहा ‘हेडली न केवल सरकार के साथ सहयोग करने के लिए सहमत है (जो वह अक्‍टूबर से करता आ रहा है) बल्कि अन्य देश की सरकारों द्वारा की जाने वाली ‘पूछताछ’ के लिए भी उपलब्ध है लेकिन यह ‘पूछताछ’ अमेरिका में होगी.

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समझौते के अनुसार, वह इसी देश में रहते हुए विदेशी सरकारों को ‘पूछताछ’ के लिए उपलब्ध होगा.’ यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब यह होगा कि भारतीय जांचकर्ता मुंबई हमलों के बारे में अमेरिका आ कर उससे पूछताछ कर सकते हैं, थीज ने कहा ‘हां, अगर वह विदेशी सरकारों से बातचीत करने से इनकार कर देता है तो यह समझौते का उल्लंघन होगा.’ बहरहाल, संघीय अभियोजकों के साथ हुए समझौते के अनुसार, उसे मृत्युदंड की सजा नहीं दी जाएगी और उसका भारत, पाकिस्तान तथा डेनमार्क प्रत्यर्पण भी नहीं किया जाएगा.

समझौते के अनुसार, वह आतंकवाद के खिलाफ जांच में सरकार को सहयोग देगा. गत वर्ष अक्टूबर में गिरफ्तार होने के बाद हेडली सरकार को लगातार इस मामले की जांच में महत्वपूर्ण सहयोग कर रहा है. इसके अलावा, वह अन्य मामलों में भी खूफिया सूचनायें दे रहा है. थीज़ ने कहा कि हेडली ने जो भी सूचनायें अमेरिका सरकार को दी है उन्हें भारत और डेनमार्क की सरकारों को मुहैया कराया गया है. {mospagebreak}

यह पूछे जाने पर कि क्या दोष स्वीकार करने संबंधी समझौता भारत के लिए एक झटका है, थीज़ ने कहा ‘मैं नहीं कह सकता कि इसे भारत के लिए झटका कैसे माना जा सकता है. उन्हें भी अवसर मिलने जा रहा है कि वह अमेरिका में हेडली से पूछताछ कर सकें और इसके लिए हेडली उपलब्ध भी होगा.’ थीज़ ने कहा ‘जाहिर है कि हेडली के वकील मौजूद रहेंगे लेकिन समझौते की शर्तों के अनुसार, अगर भारतीय अधिकारी, डेनमार्क या पाकिस्तान के अधिकारी उससे पूछताछ करना चाहते हैं तो हेडली को उनके साथ सहयोग करना होगा.’ पिछले 13 दिन में हेडली को लगातार यह बताया गया कि वह जो भी कहना चाहता है, उसे सोचसमझ कर कहना होगा ताकि उसकी कही बातों को उसके खिलाफ इस्तेमाल न किया जा सके.

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हेडली के वकील रॉबर्ट सीडर ने कहा कि हेडली द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी से अमेरिका को उल्लेखनीय मदद मिली है और यह जानकारी अन्य देशों के लिए भी उपयोगी होगी. वकीलों ने इस बारे में कुछ भी नहीं कहा कि क्या हेडली डबल एजेंट बन रहा है. उन्होंने कहा कि इस समझौते में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके आधार पर डबल एजेंट की भूमिका निभा सके.

थीज़ ने कहा ‘मैं नहीं जानता कि यह संदेह कहां से उत्पन्न हो रहा है.’ हेडली की सजा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उम्र कैद या उससे कम की सजा सुनाई जा सकती है. उन्होंने कहा ‘यह एक जटिल मामला है. सजा का फैसला जज लाइनेनवेबर करेंगे. अभी यह मामला दूर तक जाएगा.’ इस बीच, अमेरिकी अटार्नी के प्रवक्ता रैंडाल सैम्बोर्न ने कहा कि हेडली के मामले में अधिकतम सजा, प्रोबेशन के बिना उम्र कैद होगी. उन्होंने कहा ‘हेडली प्रोबेशन के योग्य नहीं है.’

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