पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी के बयान की आलोचना करते हुए भाजपा ने मांग की कि सरकार को पाकिस्तान के साथ वार्ता बंद करनी चाहिए क्योंकि देश बार-बार अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा मानना है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री को कूटनीति का क ख ग नहीं पता है. उन्हें कूटनीति के आधारभूत तत्वों को यानी शिष्टता और सम्मान को समझना चाहिए. आप दूसरे व्यक्ति की बात से सहमत हो सकते हैं या नहीं भी हो सकते हैं लेकिन आप उस व्यक्ति के साथ शिष्टता और सम्मान का व्यवहार नहीं छोड़ सकते.’
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि पाकिस्तानी पक्ष ने इस ढंग का बर्ताव किया है. सुषमा ने कहा, ‘इससे पहले जब पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर भारत आये थे और हमारे विदेश सचिव ने उन्हें आतंकवादियों के बारे में कुछ डोजियर दिये थे तो उन्होंने उसे साहित्यिक दस्तावेज बताया था.’ उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार भी वही कहानी दोहरायी गयी है. भारत बार बार अपमान का सामना क्यों करे. अब समय आ गया है कि भारत पाकिस्तान के साथ वार्ता बंद करे.’ {mospagebreak}
कृष्णा के साथ पाकिस्तान में हुई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में जब कुरेशी से पूछा गया कि हाफिज सईद को पाकिस्तान भारत विरोधी भाषण देने से क्यों नहीं रोक रहा है, उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि दोनों पक्षों को अनुकूल वातावरण बनाने की जरूरत है और बातचीत के वातावरण को नकारात्मक दुष्प्रचार से खराब नहीं होने देना चाहिए. कुरैशी ने कहा, ‘लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि इस वार्ता की पूर्वसंध्या पर भारतीय गृह सचिव द्वारा दिया गया बयान किस हद तक मददगार साबित होगा. हम दोनों (मंत्रियों) का मानना है कि इसकी (जी के पिल्लई की टिप्पणी की) जरूरत नहीं थी.’
भाजपा ने इस बात पर अफसोस जताया है कि जब कुरैशी ने खुले आम गृह सचिव जी के पिल्लई की आलोचना की तो कृष्णा ने उनका बचाव नहीं किया. भाजपा प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद ने कहा, ‘पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कृष्णा की मौजूदगी में भारतीय गृह सचिव पर हमला बोला है. कृष्णा न तो उस समय बोले और न ही शुक्रवार को भारत आने पर.’ कृष्णा की चुप्पी की आलोचना करते हुए प्रसाद ने कहा कि वह भारत के विदेश मंत्री हैं और उनका अपमान किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि भारत और उसके विदेश मंत्री का अपमान है इसलिए उनकी चुप्पी पर भाजपा को गहरी निराशा हुई है.
उन्होंने कहा कि शिष्टाचार अपनी जगह है लेकिन देश की इज्जत की कीमत पर नहीं. प्रवक्ता ने कहा कि भारत को अब यह फैसला करने का वक्त आ गया है कि पाकिस्तान जब तक अपनी धरती से भारत के खिलाफ आतंकवादी तंत्र को समाप्त नहीं करता और मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने वालों के खिलाफ प्रामाणिक और प्रभावशाली कार्रवाई नहीं करता, तब तक उसके साथ वार्ता की जरूरत नहीं है.