scorecardresearch
 

भारत ने रद्द की अगस्टा-वेस्टलैंड के साथ 3 हजार 600 करोड़ की वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील

भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्टा-वेस्टलैंड के साथ किए गए 3 हजार 600 करोड़ रुपये के करार को भारत ने रद्द कर दिया है. इस करार में 360 करोड़ रुपये के कमीशन के भुगतान का आरोप लगने के बाद भारत ने इसे रद्द करने का फैसला किया है.

Advertisement
X
वीवीआई हेलीकॉप्टर डील रद्द
वीवीआई हेलीकॉप्टर डील रद्द

भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्टा-वेस्टलैंड के साथ किए गए 3 हजार 600 करोड़ रुपये के करार को भारत ने रद्द कर दिया है. इस करार में 360 करोड़ रुपये के कमीशन के भुगतान का आरोप लगने के बाद भारत ने इसे रद्द करने का फैसला किया है. बुधवार को यह फैसला लिया गया.

Advertisement

अगस्टा-वेस्टलैंड कंपनी के दो शीर्ष अधिकारियों द्वारा अनुबंध हासिल करने के लिए कथित तौर पर कमीशन के भुगतान की खबरें आने के करीब एक साल बाद 2010 में हुआ यह करार रद्द करने का फैसला किया गया है. भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी इस मामले में एक आरोपी हैं. मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि रक्षा मंत्री एके एंटनी की बुधवार सुबह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हुई मुलाकात के बाद करार रद्द करने का फैसला किया गया.

यह डील वीवीआईपी के लिए 12 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति से जुड़ी है और अगस्टा-वेस्टलैंड इनमें से तीन की आपूर्ति पहले ही कर चुकी है. रक्षा मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि भारत ने एंग्लो-इतालवी कंपनी के खिलाफ पंचाट में जाने का फैसला किया है.

Advertisement

जानें, क्या था पूरा मामला
कमीशन के भुगतान की खबरें आने के बाद भारतीय वायुसेना को दिए जाने वाले 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के अनुबंध पर सरकार ने पिछले साल फरवरी में रोक लगा दी थी. इस मामले में आरोपी कंपनी के दो शीर्ष अधिकारियों को इटली में गिरफ्तार किया जा चुका है.

जिस वक्त अनुबंध पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया उस वक्त भारत 30 फीसदी भुगतान कर चुका था और तीन अन्य हेलीकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी.

रक्षा मंत्रालय पिछले 10 महीनों में अगस्टा-वेस्टलैंड को दो कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है. कंपनी ने अपने जवाब में किसी भी गलत काम से इनकार किया है पर सरकार उनकी दलील खारिज कर चुकी है.

सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय को इटली में कथित बिचौलिये से जब्त किए गए दस्तावेज भी हाथ लगे और उम्मीद जतायी जा रही है कि उन्हीं के आधार पर करार रद्द करने का फैसला किया गया.

कंपनी ने भारत पर लगाया आरोप
कई महीने पहले रक्षा मंत्रालय द्वारा अनुबंध पर रोक लगाने के तुरंत बाद कंपनी ने आरोप लगाया था कि भारत ‘एकतरफा’ तरीके से पेश आ रहा है और उसके खिलाफ पंचाट की कार्यवाही शुरू कर दी है. मंत्रालय ने उस वक्त कंपनी के साथ कानूनी लड़ाई से इनकार कर दिया था. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने भी इस करार में खामियां बतायी थीं.

Advertisement
Advertisement