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नौसैनिक विवाद को इंटरनेशनल कोर्ट में ले जाने के इटली के कदम को भारत की चुनौती

भारत ने केरल के तटीय क्षेत्र के पास दो भारतीय मछुआरों को मार देने के आरोपी इटली के दो नौसैनिकों के मामले को इंटरनेशनल कोर्ट में ले जाने के इटली के कदम को चुनौती दी. भारत की तरह से कहा गया कि उसकी दलीलें अधूरी और भ्रामक हैं और यह मृतकों के प्रति संवेदनहीनता है.

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दो भारतीय मछुआरों की हत्या करने का है आरोप
दो भारतीय मछुआरों की हत्या करने का है आरोप

भारत ने केरल के तटीय क्षेत्र के पास दो भारतीय मछुआरों को मार देने के आरोपी इटली के दो नौसैनिकों के मामले को इंटरनेशनल कोर्ट में ले जाने के इटली के कदम को चुनौती दी. भारत की तरह से कहा गया कि उसकी दलीलें अधूरी और भ्रामक हैं और यह मृतकों के प्रति संवेदनहीनता है.

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समुद्री कानून पर इंटरनेशनल कोर्ट के सामने अपनी दलील में भारत ने कहा कि इटली ने जो कहानी बताई है वह अधूरी और भ्रामक है क्योंकि घटना भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में घटी और इसलिए मामला पूरी तरह भारत के न्यायक्षेत्र में आता है.

इंटरनेशनल कोर्ट ने सोमवार को दो दिन की सुनवाई शुरू की, जिसके समक्ष भारत के प्रतिनिधि ने कहा, ‘नौसैनिकों ने बिना चेतावनी के स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल किया और दो मछुआरों के सिर और पेट में गोली मार दी. यह मामला समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते के अनुच्छेद 97 के दायरे में नहीं आता बल्कि समुद्र में दोहरी हत्या का मामला है.’

ये है पूरा मामला
इतालवी नौसैनिकों मासिमिलियानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने पर 15 फरवरी, 2012 को दो भारतीय मछुआरों की हत्या करने का आरोप है. दोनों नौसैनिक जहाज ‘एनरिका लेक्सी’ पर सवार थे.

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साजेर्ंट गिरोने को भारत में ‘बंधक’ बनाकर रखने की इटली की दलील को चुनौती देते हुए भारत ने कहा कि इस तरह की व्याख्या अनुचित है और इस बात को झुठलाने की कोशिश करती है कि दोनों नौसैनिकों को दो बार इटली यात्रा की इजाजत दी गई थी.

भारत ने अपनी दलील में कहा, ‘सबसे अधिक महत्वपूर्ण है कि किसी गंभीर अपराध के आरोपियों के पक्ष में मानवीय सोच का अपराध के पीड़ितों के पक्ष में मानवीय सोच के साथ संतुलन होना चाहिए.'

इनपुट भाषा

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