कांग्रेस लद्दाख में LAC पर गलवान घाटी में चीन से झड़प के बाद लगातार मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार इस बारे में क्या कर रही है? प्रधानमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और चीन की इस दुस्साहसपूर्ण घुसपैठ से भारत की सरजमीं वापस लेनी चाहिए.
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने वीडियो लिंक के जरिये प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और चीन से लगी सीमा को लेकर मोदी सरकार के रुख पर सवाल खड़ा किया. कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार इस बारे में क्या कर रही है? प्रधानमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और चीन की इस दुस्साहसपूर्ण घुसपैठ से भारत की सरजमीं वापस लेनी चाहिए.
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कांग्रेस नेता ने कहा कि सैटेलाइट इमेज, सेना के जनरलों और सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा इन चित्रों का विश्लेषण प्रदर्शित करते हैं कि 6 जून, 2020 से पहले और बाद में पैंगोंग झील में फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच भारतीय इलाके में चीनियों ने नए सैन्य ढांचे खड़े किए हैं. बंकर बनाए गए हैं और किलाबंदी की गई है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि चिंताजनक बात है कि चीन ने गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट-14 के पास टेंट और ढांचे बना लिए हैं. यह वही जगह है, जहां 15-16 जून, 2020 को 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल बी. संतोष बाबू के नेतृत्व में हमारे 20 जवान शहीद हुए.
कपिल सिब्बल ने कहा कि अभी भी देर नहीं हुई है, प्रधानमंत्री को जानबूझकर दिए गए भ्रामक बयानों को वापस लेना चाहिए. जब मामला भारत की सुरक्षा का हो तो प्रधानमंत्री को सच्चाई बयान करने से गुरेज़ नहीं करना चाहिए, ताकि देश को विश्वास हो. अन्यथा चीनी उनके बयान का इस्तेमाल अपने नाज़ायज़ फायदे के लिए करेंगे. इससे विश्वभर में भारत के हितों को नुकसान पहुंचेगा. देश सदा और सदैव सर्वोपरि है.
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कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान सच्चाई पर आधारित होने चाहिए और उनसे देश में विश्वास का भाव पैदा होना अनिवार्य है. वरना न केवल पद की गरिमा धूमिल होती है, बल्कि पद पर बैठे व्यक्ति से विश्वास उठ जाता है. उन्होंने कहा कि 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में एक सनसनीखेज दावा करते हुए यह कहा कि,‘‘न तो हमारी सीमा में कोई घुसा है, न ही हमारी पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है.’’
कांग्रेस नेता ने रक्षा मंत्री और भारतीय राजदूत के बयानों का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि 26 जून, 2020 को यानि कल देर शाम चीन में भारतीय राजदूत ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि ‘‘भारत को उम्मीद है कि चीन अपनी जिम्मेदारी समझ ‘डि-इस्केलेशन’ और ‘डिसइंगेजिंग’ की कार्यवाही करते हुए हमारी सीमा से पीछे लौट एलएसी पर अपनी ओर चला जाएगा.’’
कपिल सिब्बल ने कहा कि रक्षा मंत्री ने एक इंटरव्यू में 3 जून, 2020 को यह स्वीकार किया कि ‘‘बड़ी संख्या में चीनी सैनिक मौजूद हैं’’ और वो एलएसी के पार आ गए हैं. लेकिन वहीं इन सभी सभी बयानों से इतर प्रधानमंत्री ने अलग बयान दिया और कहा कि हमारी सीमा में कोई घुसा नहीं है. प्रधानमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.