डोकलाम के बाद जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में चीन की सीनाजोरी दिखाने को भारतीय सेना ने बहुत ही गंभीरता से लिया है. जिसके बाद LAC पर सेना की तैयारी और तैनाती बढ़ा दी गई है. सेना का हौंसला बढ़ाने के उद्देश्य से देश के राष्ट्रपति और देश की सेनाओं के प्रमुख रामनाथ कोविंद रविवार को लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं.
चीनी सेना द्वारा लद्दाख क्षेत्र के पेंगोंग झील के पास की गई घुसपैठ की नाकाम कोशिश और उस दौरान की गई पत्थरबाजी के बाद भारतीय सेना सतर्क हो गई है. किसी भी तरह के हालातों से निपटने के लिए भारत ने लद्दाख में LAC पर अपनी सेना की तैनाती बढ़ा दी है. इसके अलावा पड़ोसी दुश्मन द्वारा पैदा की गई किसी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं.
भारतीय सेना फिलहाल चीन की गतिविधियों और उसकी चालों पर संयम दिखा रही है लेकिन यदि चीन की तरफ से कोई बड़ी गुस्ताखी की जाती है तो उसका करारा जवाब देने के लिए सेना अब पूरी तरह से तैयार है.
सेना और सुरक्षा बलों का हौसला बढ़ाने के लिए देश के राष्ट्रपति और सेनाओं के कमांडर इन चीफ रामनाथ कोविंद रविवार को दो दिन के दौरे पर लद्दाख जा रहे हैं. कोविंद वहां जाकर फॉरवर्ड पोस्ट्स पर सेना के जवानों से भी मुलाकात करेंगे.
आपसी बातचीत में चीन ने दिया था भरोसा
घुसपैठ की नाकाम कोशिश के बाद चीन और भारत की सेना के बीच हुई बातचीत में चीन की ओर से आश्वासन दिया गया था कि आगे से ये गलती नहीं दोहराई जाएगी. गौरतलब है कि मंगलवार सुबह पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों सेनाओं के बीच टकराव हुआ था. गतिरोध लगभग आधे घंटे तक चला और फिर दोनों पक्ष वापस चले गए थे. इस दौरान चीन की ओर से पत्थरबाजी भी की गई थी.