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लद्दाख में पीछे हटी चीनी सेना, गलवान नदी से बोट भी हटाए, फिर होगी की बातचीत

भारत और चीन के बीच जारी विवाद में कूटनीति और बातचीत ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. चीनी सेना लद्दाख में पीछे हटने लगी है और अब एक बार फिर बात शुरू होगी.

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भारत-चीन में बातचीत से सुलझेगा विवाद?
भारत-चीन में बातचीत से सुलझेगा विवाद?

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  • लद्दाख में पीछे हटी चीन की सेना
  • गलवान नदी इलाके से नाव भी पीछे हटाईं

भारत और चीन के बीच लद्दाख में मई से जारी विवाद अब थमता हुआ नज़र आ रहा है. कई राउंड की बातचीत, सेना-कूटनीति के ज़ोर के बाद चीन की सेना अब लद्दाख में कुछ हद तक पीछे हटी है. इसी नरमी के साथ अब बुधवार को दोनों सेनाओं के बीच एक और बातचीत हो सकती है, ताकि विवाद को खत्म किया जा सके.

बता दें कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच अगले कुछ दिनों तक लगातार कई राउंड की बातचीत होनी है. लेकिन इससे पहले मंगलवार को खबर आई है कि गलवान इलाके, पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और हॉट स्प्रिंग इलाके से चीनी सेना करीब 2 से ढाई किमी. तक पीछे हट गई है. साथ ही जब चीन की सेना हटी तो भारतीय सेना ने भी अपने कदम कुछ हदतक पीछे खींचे.

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मई से शुरू हुए विवाद के बीच इस घटनाक्रम को अच्छा संकेत माना जा रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि जब बुधवार से एक बार फिर दोनों देश की सेनाएं बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाएंगी, तो मौजूदा विवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.

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मंगलवार को चीन ने गलवान घाटी के पास जो बोट तैनात की हुई थीं, उन्हें भी वापस ले लिया है. इसी के बाद भारत ने अपने कुछ सैनिकों और वाहनों को वापस लेने का फैसला लिया. मंगलवार को ही भारतीय सेना की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मौजूदा विवाद की जानकारी दी गई और इसी के साथ इसका हल निकलना भी शुरू हो गया.

अब आगे कमांडर स्तर की बातचीत होनी है ताकि सीमा पर तनाव खत्म किया जा सके. इन सभी हलचलों के बीच भारतीय फौज सावधान है और पल-पल की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. भारत की ओर से बड़े स्तर पर हर स्थिति से निपटने की तैयारी की गई है. भारत की ओर से संकेत दे दिए गए हैं कि अगर डोकलाम जैसी लंबी अवधि के विवाद की स्थिति बनती है, तो भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है.

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बता दें कि भारत और चीन के बीच इससे पहले 6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बात हुई थी, जो चुशूल में हुई थी. इसी से दोनों के बीच शांति का रास्ता निकला, अब बुधवार से जो बातचीत का नया सिलसिला शुरू होगा उसमें मौजूदा विवाद को खत्म करने पर ज़ोर होगा. दोनों देशों की ओर से बीते दिनों बयान दिए गए हैं कि वो बातचीत से ही इस इसले को हल करेंगे.

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