हिमालय के उस पार एक दुश्मन अपना असली रंग दिखा रहा है, जिसे कभी हिंदुस्तान ने अपना सबसे भरोसेमंद दोस्त माना था. हिमालय की वादियों में उत्तर की तरफ चीन हिंदुस्तान के खिलाफ साजिशें रच रहा है. इतना ही नहीं, पश्चिम में लेह-लद्दाख से सटी सीमा से लेकर पूरब में अरुणाचल प्रदेश तक सीमा के पास चीन ने हथियारों का जमावड़ा शुरू कर दिया है और साथ में युद्धाभ्यास भी.
दरअसल हिमालय की ऊंची चोटियां सदियों से चीन की धोखेबाजी को देख रही हैं. पश्चिम में जम्मू और कश्मीर से पूरब में अरुणाचल प्रदेश तक भारत और चीन की सीमाएं करीब 3500 किलोमीटर तक एक-दूसरे से टकराती हैं. लेकिन उससे ज्यादा टकराती है चीन की जिद और उसका कई इलाकों पर जबरत कब्जा करने की नीयत.
डोकलाम में भारत चीन की गुंडागर्दी का जवाब देने के लिए अड़ गया तो चीन की तिलमिलाहट सारी मर्यादाओं को तोड़ने लगी. सुषमा के बयान से चीन को मिर्ची लग गई. बौखलाया हुआ चीन युद्ध-युद्ध चिल्लाने लगा. चीन युद्ध की धमकी दे रहा है. भारत ऐसी धमकियों को चुटकी में उड़ा देता है. चीन से सीधी टक्कर के बीच ग्राउंड ज़ीरो पर भारत डटा हुआ है. साथ ही कूटनीतिक ग्राउंड पर भी चीन को मुंह की ही खानी पड़ रही है.