बॉर्डर पर चल रहा भारत और चीन के बीच तनाव का असर दोनों देशों के संबंधों पर दिख रहा है. दोनों देशों की ओर से बयानबाजी भी हो रही है, तो वहीं सेना के स्तर पर भी टकराव लगातार बढ़ रहा है. पिछले लगभग 1 महीने से भारत के 350 से अधिक जवान एक मानव श्रृंखला बना कर चीन के सैनिकों का सामना कर रहे हैं. भूटान बॉर्डर पर भी भारतीय सेना डटी हुई है. सेना के पास हथियार भी हैं, लेकिन झुके हुए हैं.
असल में 6 जून से शुरू हुए इस टकराव के बाद से ही नई दिल्ली और बीजिंग में बातचीत जारी है, लेकिन ग्राउंड जीरो पर नजारा बिल्कुल अलग है. अंग्रेजी वेबसाइट NDTV की खबर के अनुसार, बॉर्डर पर तो दोनों देशों के कुछ ही सैनिक आमने-सामने हैं लेकिन भारतीय सेना ने जो ड्रोन से देखा है उससे साफ दिखता है कि कुछ ही दूरीपर चीन ने लगभग 3000 से ज्यादा सैनिक खड़े किए हुए हैं. जो कि हथियारों के साथ तैयार हैं. वहीं भारत ने भी इसके जवाब में पुख्ता तैयारी की है और अपने सैनिक भी खड़े किए हैं.
ज्यादा ठंड होने के कारण इस स्थान पर हर दो घंटे में सैनिकों को बदल दिया जाता है. चीन लगातार ढोक ला इलाके में अपनी नजर बनाए हुए है. अगर चीन इस इलाके में अपनी पैठ मजबूत कर लेता है, तो यह भारत के लिए काफी मुश्किल हो जाएगा. भारत अपने नॉर्थ ईस्ट इलाके से संबंध भी मुश्किल में पड़ेगा. इसका ही असर है कि सिक्किम के बाद अब बंगाल ने भी यह कहना शुरू कर दिया है कि चीन उनके इलाके में दखल दे रहा है. ममता बनर्जी का कहना है कि अगर सिक्किम पर चीन का कब्जा होता है तो दार्जिलिंग और चीन में ना के बराबर ही अंतर होगा जो कि खतरे की घंटी है.
आपको बता दें कि बॉर्डर समस्या के कारण चीन और भारत में बना हुआ तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. चीन की मीडिया ने साफ तौर पर धमकी भरे शब्द में लिखा है कि चीन किसी भी तरीके के टकराव के लिए तैयार है, डोकलाम के मुद्दे चीन युद्ध के लिए जाने से भी पीछे नहीं हटेगा अगर ऐसा हुआ तो भारत को इस टकराव का भुगतान भुगतना पड़ सकता है.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में लेख में कहा गया है कि 1962 के बाद भारत पर लगातार उत्तेजित करने का आरोप लगाया है. इसमें लिखा गया है कि चीन को भविष्य में होने वाले सभी तरह के टकरावों के लिए तैयार रहना चाहिए. चीन को आगे बढ़कर LAC पर टकराव का मुकाबला करना चाहिए, भारत अगर कई जगहों से मुश्किलों का सामना कर रहा है तो उसे LAC पर भी टकराव का सामना करना होगा.