राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिका को भारत व चीन जैसे देशों से मुकाबला करना होगा जो किसी पीछे नहीं रहना चाहते. उनका कहना है कि अमेरिका शिक्षा बजट में कटौती को सहन नहीं कर सकता. ओबामा ने फिर कहा है कि वह विदेशों में काम करवाने वाली कंपनियों को कर छूट नहीं देना चाहते.
ओबामा गवर्नर डेवल पेट्रिक के समर्थन में चुनाव रैली को संबोधित करने आये थे. उन्होंने कहा कि विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी शिक्षा खर्च में 20 प्रतिशत की कटौती चाहते हैं ताकि 700 अरब डालर की कर छूटों के भुगतान में मदद मिल सके. उन्होंने कहा कि इस तरह की छूट का फायदा के अमेरिका की सबसे धनी आबावादी को ही मिलेगा जिसकी आबादी केवल दो प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी को भले ही शिक्षा खर्च में कटौती का विचार बहुत अच्छा लगता हो लेकिन भारत तथा चीन देशों को नहीं. उन्होंने कहा कि हम ऐसा अमेरिका चाहते हैं जिसके हर नागरिक में दुनिया के किसी भी कामगार से प्रतिस्पर्धा कनने की क्षमता और हुनर हो. विपक्षी दल को भले शिक्षा खर्च में 20 प्रतिशत कटौती अच्छा विचार लगता हो लेकिन आपको नहीं लगेगा. आप जानते हैं कि और कौन इसे अच्छा विचार नहीं मानता है? चीन, दक्षिण कोरिया, जर्मनी तथा भारत.
नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले की इस रैली में लगभग 8,000 लोग मौजूद थे. ओबामा ने कहा कि ये देश शिक्षा खर्च में बढोतरी कर रहे हैं न कि कटौती. उन्होंने कहा कि ये समझते हैं कि जो अपने युवाओं को प्रशिक्षित करने में सफला होगा वह दुनिया के किसी भी अन्य देशों को टक्कर दे सकेगा. ये देश दूसरे स्थान के लिए नहीं जोर नहीं लगा रहे हैं. अमेरिका भी दूसरे स्थान के लिए नहीं हैं. हम पहले स्थान के लिए दौड़ में हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि यही वजह है कि करदाताओं की सब्सिडी में जो अरबों डालर राशि बड़े बैंकों को जा रही थी वह अब विद्यार्थियों तथा परिवारों को जा रही है. उन्होंने कहा कि इसीलिए हम अपने नये कालेज कर ऋण भुगतान को बनाना चाहते हैं जिसके तहत अमेरिका में हर छात्र को ट्यूशन राहत के 10,000 डालर मिलेंगे.