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डोकलाम विवाद सुलझाने के पीछे डोभाल का दिमाग, बैठक में दिया था करारा जवाब

अजित डोभाल 27 जुलाई को जब बीजिंग में चीन के स्टेट काउंसलर यांग जिएची से इस मुद्दे पर बात की थी. खबर की मानें, तो दोनों के बीच काफी सख्त लहजे में बातचीत हुई थी.

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डोभाल ने बैठक में दिया था करारा जवाब
डोभाल ने बैठक में दिया था करारा जवाब

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भारत और चीन के बीच दो महीने से चल रहा डोकलाम विवाद खत्म हो गया है. दोनों देशों की सेनाओं ने विवादित क्षेत्र से अपने-अपने सैनिकों से वापस हटाने का फैसला किया है. लगातार युद्ध की धमकी दे रहा चीन को इस मुद्दे पर पीछे ढकेलना भारत की कूटनीति की एक बड़ी जीत है. इस पूरे मामले को सुलझाने में सबसे अहम रोल रहा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार प्रमुख अजित डोभाल का.

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अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अजित डोभाल 27 जुलाई को जब बीजिंग में चीन के स्टेट काउंसलर यांग जिएची से इस मुद्दे पर बात की थी. खबर की मानें, तो दोनों के बीच काफी सख्त लहजे में बातचीत हुई थी. यांग ने डोकलाम पर डोभाल से सीधा सवाल किया था कि क्या ये आपकी जगह है?

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इसका जवाब भी डोभाल ने अपने अंदाज में दिया कि क्या हर विवादित क्षेत्र चीन का हो जाता है? डोभाल ने सीधे तौर पर कहा कि यह इलाका भूटान का है और हिमालयी सुरक्षा नीति के कारण भारत भूटान की सैन्य मदद कर रहा है. चीन ने इस दौरान उसकी और भूटान की बातचीत का हवाला दिया, लेकिन डोभाल ने कहा कि जब तक विवाद खत्म नहीं होता है तो दोनों सेनाओं को विवादित जगह से पीछे हटना चाहिए.

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गौरतलब है कि चीन से डोकलाम विवाद खत्म होने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन दौरा तय हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 से 5 सितंबर तक चलने वाले शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए शियामेन जाएंगे.

 

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