लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव को कम करने के लिए मंगलवार को भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत हुई है. सुबह 11 बजे शुरू हुई बातचीत देर रात खत्म हुई. कल दोनों देश के बीच कोर कमांडर स्तर की 12 घंटे से ज्यादा लंबी बातचीत हुई. इसमें पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के सभी मसलों पर बात हुई.
भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच 12 घंटे से भी लंबी चली मैराथन बातचीत के नतीजे को लेकर हालांकि अब तक कोई आधिकारिक बयान तो सामने नहीं आया है, लेकिन आजतक को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सैनिक पीछे हटाने की प्रक्रिया को लेकर इस बातचीत में कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया.
भारत के खिलाफ दो फ्रंट पर मोर्चा खोल रहा PAK, आतंकियों के संपर्क में चीनी सेना
आजतक को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बातचीत का मुख्य फोकस पैंगॉन्ग त्सो का फिंगर-4 इलाका था. इस वार्ता से तीन चीजें उभरकर सामने आईं. पहला- सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया कैसे शुरू हो, इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई. दूसरा- दोनों पक्षों ने अपनी सैनिक पीछे हटाने को लेकर बातें तो काफी की, लेकिन आपसी सहमति नहीं बन पाई.
तीसरा- पेट्रोल प्वाइंट-14 समेत कुछ इलाकों से दोनों तरफ से सैनिक पीछे हटे थे लेकिन वो सिर्फ सांकेतिक ही साबित हुआ. ऐसे में जब करीब 12 घंटे लंबी बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया, उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाली सर्दी ही इस तनाव को ठंडा कर सकती है क्योंकि इस इलाके में सर्दी में सैनिकों के लिए पेट्रोलिंग मुश्किल हो जाएगी.
J-K: सोपोर में CRPF पार्टी पर आतंकी हमला, हेड कॉन्स्टेबल शहीद, दो जवान जख्मी
आजतक को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सैनिक हटाना तो दूर उलटे चीनी तरफ एलएसी पर पिछले बहत्तर घंटों में सैनिकों का जमावड़ा और बढ़ा है. चीन ने अपने और सैनिक वहां तैनात कर लिए हैं. सैनिकों के हटने के कोई निशान नहीं दिख रहे. खासकर पैंगॉन्ग त्सो और हॉट स्प्रिग्स इलाकों में.
इन इलाकों में भारत भी मजबूती से डटा है. जिस तरह से दोनों तरफ से सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा है वो आपसी भरोसे की कमी साफ दिखलता है. वैसे भी चीन पर भरोसा करना काफी मुश्किल है. पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच इस समय चार प्वाइंट्स पर तनाव हैं.
- पैंगॉन्ग त्सो में फिंगर-4 रिजलाइन
- गलवान वैली पेट्रोल प्वाइंट-14
- हॉट स्प्रिंग्स में पेट्रोल प्वाइंट्स 15 और 17-ए
गलवान से लेकर पैंगॉन्ग तक... जानिए भारत और चीन के बीच क्यों नहीं सुलझ रहा विवाद
फिंगर फोर की रिजलाइन पर दोनों देश की सेना आमने-सामने है. जिस जगह पहले दोनों तरफ की सेना पेट्रोल करती थी वहां पहली बार चीनी सेना स्थायी रूप से बैठ गई है. टकराव वाली जगह और बातचीत के मोर्चे पर जिस तरह से चीनी सेना अड़ी है उससे लगता है कि पीएलए नेतृत्व फिंगर फोर पर कब्जे को लेकर अपना हठ छोड़ने को वो आसानी से तैयार नहीं.
सूत्रों के मुताबिक चीन की मंशा तो भारतीय सीमा में पश्चिम की तरफ और आगे बढ़ने की है, लेकिन भारतीय फौज की मौजूदगी से उसके पांव ठिठके हुए हैं. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक गलवान वैली और हॉट स्प्रिंग्स इलाके में हालात उतने खराब नहीं है लेकिन पैंगॉन्ग त्सो में इस वक्त तनाव की स्थिति बनी हुई है. यहां दोनों तरफ से सेना बिल्कुल आमने-सामने हैं.